Tuesday, November 5, 2024
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योगी सरकार ने की हाजी गल्ला की करोड़ों की संपत्ति जब्त: मेरठ के कार चोरी सिंडिकेट का है सरगना, दूसरी बेनामी सम्पत्तियों पर भी नजर

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरज राय ने कहा, “हम इस बिंदु पर आँकड़ा नहीं दे सकते कि गल्ला के पास कितनी संपत्ति है, लेकिन अभी भी सोतीगंज मार्केट में दुकानें और कैंट क्षेत्र में 1,200 वर्ग गज जमीन जैसी कई संपत्तियाँ हैं, जो उसके नाम पर नहीं हैं, लेकिन हमें लगता है कि वो उनसे जुड़ा हुआ है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मेरठ के ऑटो चोरी सिंडिकेट के सरगना हाजी गल्ला उर्फ हाजी नईम की अब तक 10 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। शनिवार (23 अक्टूबर, 2021) को ही मेरठ पुलिस ने जिलाधिकारी के आदेश पर हाजी गल्ला के 4 करोड़ 10 लाख रुपए के आलीशान बंगले को जब्त किया है। इसके साथ ही उसकी आठ बड़ी दुकानों को भी सीज करने के साथ-साथ उसके सभी बैंक खाते सील कर दिए गए। इससे पहले बुधवार (20 अक्टूबर, 2021) को पुलिस ने हाजी गल्ला के दो आवासों और एक गोदाम को जब्त किया था।

हालाँकि, मेरठ पुलिस को लगता है कि यह तो सिर्फ कुछ हिस्सा है। हाजी गल्ला के पास अभी भी यूपी में करोड़ों की बेनामी संपत्ति है। जाँच का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूरज राय ने कहा, “हम इस बिंदु पर आँकड़ा नहीं दे सकते कि गल्ला के पास कितनी संपत्ति है, लेकिन अभी भी सोतीगंज मार्केट में दुकानें और कैंट क्षेत्र में 1,200 वर्ग गज जमीन जैसी कई संपत्तियाँ हैं, जो उसके नाम पर नहीं हैं, लेकिन हमें लगता है कि वो उनसे जुड़ा हुआ है। हम उसकी बेनामी संपत्तियों की भी जाँच कर रहे हैं।”

हाजी गल्ला की संपत्तियों को मेरठ पुलिस ने किया जब्त

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरठ के सोतीगंज कबाड़ी बाजार में 32 कबाड़खानों की जाँच शुरू की है, जो हाजी गल्ला उर्फ हाजी नईम से जुड़े माने जाते हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि मेरठ में हाजी गल्ला के चोरी के कार को काटकर स्क्रैप बनाने के बिजनेस में सहायता कर रहे कुख्यात स्क्रैप डीलरों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट लगाया गया है।

इस मामले में मेरठ पुलिस द्वारा गहन छापेमारी की गई और और कुर्की का वारंट जारी किया गया। इसके साथ ही उस पर 25,000 रुपए का इनाम रखा गया। इसकी वजह से हिस्ट्रीशीटर हाजी गल्ला और उनके चार बेटों को 7 अक्टूबर को अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

हाजी गल्ला की गिरफ्तारी के बाद मेरठ पुलिस ने सोतीगंज कबाड़ी बाजार के 32 कबाड़खानों पर गुपचुप तरीके से नजर रखनी शुरू कर दी, जो चोरी की गाड़ियों को काटने का काम करते थे। इस संबंध में पुख्ता सबूत इकट्ठा किए गए और पाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से लगभग 48 अरब रुपए की संपत्ति बनाई है। जुटाए गए सबूतों के आधार पर मेरठ पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।

कौन है हिस्ट्रीशीटर हाजी गल्ला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ के कुख्यात सोतीगंज मार्केट में हाजी गल्ला का परिवार चोरी के वाहनों का कारोबार दशकों से चला रहा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे कई राज्यों से विशेष रूप से एनसीआर-दिल्ली से कारें यहाँ लाई जातीं और उन्हें कुछ ही देर में काट दी जातीं। हाजी गल्ला ने एक कार मैकेनिक के रूप में काम की शुरुआत की थी और जल्द ही देश के सबसे बड़े कार चोरी गिरोह का सरगना बन बैठा।

15 मिनट में कारों को काटने की कला में महारत हासिल करने के बाद उनका गिरोह बदनाम हो गया। माना जाता है कि एनसीआर से मेरठ तक एक कार लाने में भले ही 3 घंटे लग जाते हैं, लेकिन उसे वह 15 मिनट में बिना किसी निशान के गायब कर देता था। कारों के लाभकारी उपकरणों को दुकानों में बेचा दिया जाता था, जबकि अन्य सामान को दूसरे वाहनों में लगा दिया जाता था। 70 वर्षीय गल्ला और उसके चार बेटे दशकों से इस अवैध लेकिन बेहद आकर्षक कार-ब्रेकिंग बिजनेस को चला रहे थे। राष्ट्रीय राजमार्ग 58 हाजी गल्ला के ऑपरेशन का लाइफलाइन था।

पिछली सरकार में अपने मजबूत राजनीतिक संबंध के कारण हाजी गल्ला पुलिस से बच गया: मेरठ पुलिस

गल्ला पिछले 15 साल से पुलिस को चकमा दे रहा था। पुलिस ने बताया कि इससे पहले कई बार यह हिस्ट्रीशीटर उनके हत्थे चढ़ा था, लेकिन पिछली सरकार में अपने मजबूत राजनीतिक संबंधों के कारण वह गिरफ्तारी से बच जाता था।

मेरठ पुलिस ने हाजी गल्ला के कबाड़खाने पर छापा मारा

पुलिस के अनुसार, गल्ला के खिलाफ कार्रवाई 27 फरवरी को शुरू हुई, जब उसके बेटे मोहम्मद शादाब ने शहर के ही उसके प्रतिद्वंद्वी स्क्रैप डीलर अरमान अहमद पर गोलियाँ चला दीं। इस घटना में अजय कुमार नाम का एक दर्शक घायल हो गया, इसके कारण शहर में सांप्रदायिक हालात बिगड़ गए। गल्ला को अंततः 6 अक्टूबर की देर रात सोतीगंज में उसके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। उस वक्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी ने उस पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित किया था।

12 साल तक फरार रहने के बाद उसे पहली बार फरवरी 2015 में पकड़ा गया था। हालाँकि, उसके राजनीतिक संबंधों के कारण तत्काल रिहाई हो गई। गल्ला देश के उत्तरी राज्यों में संचालित ऑटो चोरी सिंडिकेट में शामिल होने के लिए कुख्यात है। उस पर 2006 में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगा था।

सर्किल ऑफिसर सतपाल अंतिल के अनुसार, गल्ला के खिलाफ हत्या सहित कुल 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ दिल्ली में ही रजिस्टर्ड हैं। मेरठ एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा कि हत्याकांड में उसकी गिरफ्तारी हो गई है। उसकी अन्य अवैध गतिविधियों और उनके खिलाफ दर्ज पिछले मामलों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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