अब राजस्थान के भरतपुर में भड़की हिन्दू-मुस्लिम हिंसा, छतों से मिली काँच की बोतलें और पत्थर: 100 जवान तैनात, 2013 में भी भड़के थे दंगे

हिंसा के बीच मौके पर पुलिसल अधिकारियों ने घटना स्थल का जायजा लिया। (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

राजस्थान में एक बार फिर से हिंसा की आग भड़क उठी है। इस बार भरतपुर जिले में सोमवार (9 मई 2022) की देर रात दो समुदायों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान पत्थरबाजी के साथ ही काँच की बोतलें भी फेंकी गई। इसमें घायल हुए एक व्यक्ति को आरबीएम हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हिंसा की घटना मथुरा गेट इलाके के अंतर्गत बुद्ध की हाट स्थित कसाई गली की है। हिंसा की घटना की जानकारी मिलते ही बुधवार (10 मई, 2022) की सुबह राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँचे और लोगों से बातचीत कर उनसे शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। मंत्री ने पत्थरबाजी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव मदद की बात कही है।

वहीं इस मामले में पुलिस ने अभी तक दोनों पक्षों के करीब 15 लोगों को हिरासत में लिया है। जिले के एसपी श्याम सिंह के मुताबिक, पूरी सड़क पर काँच और पत्थर बिखरे थे। पहले भी इस इलाके में दोनों समुदायों के बीच झगड़े और पत्थरबाजी हुई थी। फिलहाल कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हिंसा वाली जगह पर 100 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। यहीं नहीं पुलिस ने दोनों ही समुदायों के घरों की छतों की तलाशी भी ली। इस दौरान कई घरों की छतों से काँच की बोतलें और पत्थर मिले है। अभी तक मथुरा गेट थाने में इस मामले में किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।

2013 में भी हुए थे दंगे

गौरतलब है कि इससे इसी इलाके में वर्ष 2013 में दंगे हुए थे। पत्थरबाजी में खासा नुकसान भी हुआ था। इसको लेकर मथुरा गेट थाने में 2 केस दर्ज किए गए थे। हाल ही में जुर्माना लेकर कोर्ट ने एक समुदाय के लोगों को बरी कर दिया था, जिसके बाद वे डीजे पर डाँस कर जश्न मना रहे थे और इसी को लेकर विवाद हुआ था।

करौली, जोधपुर में भी हुई थी हिंसा

इससे पहले 2 अप्रैल, 2022 को करौली जिले के फूटा कोट इलाके में हिंदू नव वर्ष के मौके पर हिंदुओं की बाइक रैली पर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने हमला कर दिया था। उस दौरान पत्थरबाजी और तलवारों से हमले भी किए गए थे। इसी तरह से हाल ही में जोधपुर में भी ऐसी ही घटना हुई थी। मुस्लिमों ने हिंदुओं पर हमले कर दिए थे। उस दौरान विवाद झंडे लगाने के लिए हुआ था। बाद में पता चला था कि दंगाइयों ने पहले से ही जेब में पत्थर भर रखे थे। वे जहाँ से भी निकलते थे, वहीं पर हिंसा करते थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया