हावड़ा में जुमे के दिन फिर सड़कों पर उतरी कट्टरपंथियों की भीड़, घरों और दुकानों पर पत्थरबाजी: इलाके में भारी पुलिस बल तैनात, Videos सामने आए

ममता बनर्जी (साभार: PTI)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रामनवमी पर राज्य में हिंसा के लिए भले ही राजनीतिक बयानबाजी करें, लेकिन ये सही है कि इसकी शह उनके बयान से मिला था। रामनवमी के मौके पर राज्य में हावड़ा सहित कई जगहों पर हिंसा हुई थी। रामनवमी खत्म होने के बाद भी हावड़ा में यह हिंसा जारी है।

रामनवमी के अगले दिन शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन (31 मार्च 2023) को भी हावड़ा में पत्थरबाजी की घटना के कई वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में लोगों का एक गुट नजर आ रहा है और सड़क पर भारी मात्रा में ईंट-पत्थर बिखरे हुए दिख रहे हैं।

बता दें कि रामनवमी के अवसर पर हावड़ा सहित कई जगहों पर शोभायात्रा निकाली गई थी। इस शोभायात्रा पर असामाजिक तत्वों ने पत्थरबाजी की थी। इसके साथ ही आगजनी की भी घटना सामने आई थी। घटना हावड़ा के शिबपुर की है। ममता ने इसका ठीकरा भाजपा पर फोड़ा था।

रामनवमी से पहले ममता बनर्जी ने हिंदुओं को मुस्लिम इलाकों में न जाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि ये रमजान का महीना है। ऐसे में मुस्लिम इलाकों में रामनवमी का जुलूस न निकालें। अगर ऐसा हुआ तो फिर आरोपितों को कोर्ट छोड़ेगा नहीं।

मुख्यमंत्री के इस बयान को कट्टरपंथियों ने अपने फेवर का माना और हिंसा की शुरुआत कर दी। रामनवमी पर हुई यह हिंसा पहली घटना नहीं है। पिछले यानी 2022 में भी रामनवमी पर राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया गया था। हावड़ा के बांकुरा में जैसे ही शोभायात्रा मस्जिद के पास पहुँची थी, उस पर हमला कर दिया गया था। आगजनी को भी अंजाम दिया गया था।

सीएम ममता ने इस बवाल का सारा ठीकरा पहले की ही भाँति इस बार भी भाजपा पर फोड़ा है। ममता ने कहा कि उन्होंने रामनवमी रैली को नहीं रोका था। उन्होंने भाजपा पर एक महीने के लिए हिंसा की योजना बनाने का आरोप लगाया। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि ममता द्वारा शोभायात्रा का रास्ता बदलने का लगाया आरोप झूठा है।

मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय रमजान के दौरान रोजा रख रहा है। इसलिए वह हिंसा शुरू नहीं कर सकता। उन्होंने हिंसा के लिए बाहरी लोगों जिम्मेदार ठहराया। ममता ने कहा कि हिंसा में शामिल लोग स्थानीय नहीं हैं और वे बाहर से लाए गए थे।

उन्होंने कहा, “मेरे आँख-कान खुले हैं। मुझे सब दिख रहा है। मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि मुस्लिम बहुल इलाकों से यात्रा ना निकाली जाए। मैंने पहले ही कहा था कि राम नवमी पर रैली निकाली गई तो हिंसा हो सकती है। वह बोलीं, “यह रमजान का वक्त है। इस वक्त में वे (मुस्लिम समुदाय) कुछ गलत काम नहीं कर सकते।”

बता दें कि शिबपुर में रामनवमी के जुलूस के दौरान कट्टरपंथियों की भीड़ ने वाहनों को आग लगा दी थी। वहीं, दलखोला में जुलूस के दौरान दो गुटों के बीच हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि कई अन्य घायल हो गये। इस घटना में 5-6 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात भी कही जा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया