Tuesday, October 1, 2024
Homeदेश-समाजमूर्ति को सफेद कपड़े से ढका और मंदिर से ले गए बाहर: जानिए वाराणसी...

मूर्ति को सफेद कपड़े से ढका और मंदिर से ले गए बाहर: जानिए वाराणसी में साईं प्रतिमाओं को गंगा में क्यों कर रहे प्रवाहित, किनके नेतृत्व में चल रहा अभियान?

काशी में शिरडी साईं की मूर्तियाँ 14 मंदिरों से हटाई गईं, जिसमें बड़ा गणेश और त्र्यंबकेश्वर मंदिर शामिल हैं। केंद्रीय ब्राह्मण सभा ने साईं पूजा को सनातन विरोधी बताया। मूर्तियों को गंगा में विसर्जित कर, साईं भक्तों को अलग मंदिर बनाने की सलाह दी गई।

उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी काशी में कई मंदिरों से शिरडी साईं की प्रतिमाएँ हटाई जा रही हैं। अब तक 14 मंदिरों से साईं की मूर्तियाँ हटा दी गई हैं। यह कदम केंद्रीय ब्राह्मण सभा के विरोध के बाद उठाया गया है, जिसमें साईं की पूजा को सनातन धर्म विरोधी बताया गया था। मूर्तियाँ हटाने से पहले संबंधित मंदिरों की सहमति ली गई है और उन्हें विधि-विधान से गंगा में विसर्जित किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाराणसी के जिन प्रमुख मंदिरों से साईं की प्रतिमाएँ हटाई गई हैं, उनमें बड़ा गणेश मंदिर, त्र्यंबकेश्वर मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और पुरुषोत्तम मंदिर समेत 14 मंदिर शामिल हैं। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने बताया कि कुल 100 मंदिरों की सूची बनाई गई है, जहाँ से साईं की मूर्तियों को हटाया जाएगा। इनमें अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर जैसे पौराणिक स्थल भी शामिल हैं।

अजय शर्मा ने दावा है कि काशी महादेव शिव की नगरी है, और अनजाने में लोग साईं की पूजा करने लगे थे। उनका दावा है कि जिन मंदिरों से साईं की मूर्तियाँ हटाई जा रही हैं, उन्हें 2013 में स्थापित किया गया था। मूर्तियों को हटाने के बाद गंगा नदी में विधिपूर्वक विसर्जित किया जा रहा है। बड़ा गणेश मंदिर में साईं की मूर्ति की जगह माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

अजय शर्मा ने यह भी कहा कि साईं की पूजा करने वालों को अपने घर में पूजा करने की छूट है, या वे चाहें तो एक अलग मंदिर का निर्माण कर सकते हैं।

मंदिरों से मूर्तियाँ हटाने से पहले मंदिर प्रबंधन की सहमति ली जा रही है। बड़ा गणेश मंदिर के महंत रम्मू गुरु का कहना है कि लोग अज्ञानता के कारण साईं की पूजा कर रहे थे। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी इस कदम का समर्थन किया, उनका कहना है कि शास्त्रों में शिरडी साईं की पूजा का कोई विधान नहीं है। हालाँकि, समाजवादी पार्टी के MLC आशुतोष सिंह और कुछ अन्य लोग इस कदम का विरोध कर रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हिंदू लड़कियों को ‘प्रेम’ में फँसाओ, मुस्लिम आबादी बढ़ाओ, भारत को बनाओ पाकिस्तान-बांग्लादेश: जिस ‘लव जिहाद’ को ठुकराते हैं लिबरल, अदालत ने उसे माना...

लिबरल-वामपंथी गैग कहती है कि लव जिहाद जैसा कुछ नहीं है... अगर ये सच है तो फिर क्यों नाम छिपा कर लड़कियों को फँसाया जाता है और फिर उनपर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया जाता है।

अवैध है जामा मस्जिद, इसे गिराओ: अब हिमाचल के कुल्लू में सड़क पर हिंदू, ‘धर्म जागरण यात्रा’ और हनुमान चालीसा पाठ से जताया विरोध;...

शिमला के बाद अब कुल्लू की जामा मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए हिमाचल प्रदेश के हिन्दू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -