पिछले दिनों चेन्नई के पद्म शेषाद्री बाला भवन (PSBB) के पूर्व और वर्तमान छात्रों ने एक शिक्षक पर छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया में आपबीती शेयर की थी। इसके बाद से चेन्नई के कई और स्कूलों से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। स्पोर्ट्स एकेडमी, यूनिवर्सिटी समेत अन्य स्कूल के बच्चे खुलकर संस्थानों में हुई बदसलूकियों की शिकायत कर रहे हैं।
इसी क्रम में चेन्नई के एक और स्कूल के पूर्व छात्रों ने अपने कॉमर्स के टीचर पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाते हुए उसके कुकर्मों को उजागर किया है। स्कूल के एलुमनी एसोसिएशन को इस संबंध में अलग-अलग सत्र के छात्रों से 500 संदेश आने के बाद टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है।
स्कूल प्रशासन ने कहा है, “हमने इन पर (आरोपों) संज्ञान लिया है। हम आंतरिक समिति को इसकी जाँच की जिम्मेदारी दे रहे हैं। जाँच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। प्राप्त हुई सभी शिकायतों और आगे प्राप्त होने वाली सभी शिकायतें जाँच और रिपोर्ट के लिए समिति को भेजा जाएगी। हम सबकी भावनाओं को समझते हैं। हमारे छात्र निश्चिंत हो सकते हैं कि जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
स्कूल प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जब तक जाँच रिपोर्ट नहीं आती तब तक टीचर को निलंबित रखा जाएगा। इसके अलावा टीचर को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी पूर्व या वर्तमान छात्र से संपर्क न करे। स्कूल ने कहा है, “हमारे छात्रों की भलाई और कल्याण, जिन्हें हम अपने बच्चे के रूप में मानते हैं, हमेशा हमारे लिए सर्वोपरि और चिंता का विषय रहे हैं और रहेंगे। हम अपने छात्रों के खिलाफ किसी भी दुर्व्यवहार, दुराचार या उत्पीड़न को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
बता दें कि चेन्नई में इससे पहले भी एक टीचर को लेकर ऐसा विवाद हुआ था। इस बार की घटना में टीचर पर छात्रों ने आरोप लगाया है कि वह छात्राओं को गोद में बिठा किस करता था। इतना ही नहीं टीचर लड़कियों को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर प्रताड़ित करता था। बच्चे अगर आवाज उठाने का प्रयास करते थे तो उन्हें फेल करने के नाम पर धमकाया जाता था। वह लड़कियों को शारीरिक तौर पर प्रताड़ित और लड़कों को बर्बारतापूर्वक मारपीट करता और उन्हें पूरी कक्षा के सामने अभद्र शब्दों कहता था।
ईमेल में कहा गया है कि आरोपित टीचर बच्चों की पर्सनल जानकारी निकालकर उनका गलत इस्तेमाल करता और कई लड़कियों को गलत मैसेज करता। जब वह उसका जवाब नहीं देतीं तो उनसे बदला लेने की धमकी देता था। एक लड़की ने अपना अनुभव बताया कि एक बार उसे 7 बजे सुबह क्लास में बुलाया गया। जब वह गई तो पता चला कि बस वही अकेली बुलाई गई है। इस दौरान टीचर ने उसको बिन मर्जी के किस करने का प्रयास किया और उसका उत्पीड़न भी किया। बाद में उसके आरोप झूठे बताकर खारिज कर दिए गए और उसे 11वीं में फेल होना पड़ा। बाद में कई बार उसे मारा गया और उसका शारीरिक शोषण हुआ।
टीचर लड़कियों पर निगरानी रखने के बहाने उनके जकड़ लेता था और कई बार उनके लुक्स पर बॉडी शेमिंग भी करता था। एलुमिनी छात्रों ने बताया कि जो पढ़ने में कमजोर थे उन्हें जबरन कोचिंग क्लास मिलती थी। इस दौरान टीचर उनका फायदा उठाता। इसके बाद वह बच्चों को प्राइवेट कोचिंग के नाम पर अपने आवास पर बुलाता और फिर पिता जैसा होने के नाम पर गोदी में बिठाकर दुर्व्यवहार करता। वह 3 छात्राओं को एक साथ बिठाकर अपनी बाइक पर मंदिर ले जाने को कहता और जब बच्चे मना करते तो उन्हें असभ्य शब्द बोलकर उन्हें चरित्रहीन घोषित करने का प्रयास करता।
टीचर के कुकर्मों को उजागर करने वाले मेल में माँग की गई है कि आरोपित के विरुद्ध के रेप और यौन उत्पीड़न के मामले में मुकदमा दर्ज हो। इसके अलावा पूर्व छात्रों ने यह भी कहा है कि स्कूल में ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होती अगर प्रशासन टीचर का बैकग्राउंड देखकर उन्हें रखता।
कोच के ख़िलाफ़ शिकायत
पिछले कुछ दिनों में चेन्नई से ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जहाँ बच्चों ने अपने टीचर के व्यवहार पर शिकायत की। तमिलनाडु एथलेटिक एसोसिएशन के कुछ खिलाड़ियों ने अपने कोच के विरुद्ध शिकायत करवाई थी। चश्मदीदों का कहना था कि वह लड़कियों को प्रताड़ित करने की कोशिश करता था। इसके लिए बच्चों ने लड़ाई भी लड़ी, लेकिन जीत न मिलने पर उन्हें एकेडमी छोड़नी पड़ी।
यूनिवर्सिटी स्टाफ के ख़िलाफ़ भी मिले मेल
तमिलनाडु में SASTRA यूनिवर्सिटी के एलुमिनी को भी 1000 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में SASTRA के पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों ने यूनवर्सिटी के कुछ सदस्यों पर यौन उत्पीड़न के इल्जाम लगाए हैं। इसके अलावा कुछ स्टाफ को लेकर कहा है कि वह जानबूझकर ऐसे मामलों को नजरअंदाज करते रहे और कोई एक्शन नहीं लिया।
यूनिवर्सिटी के वर्तमान और पूर्व छात्रों ने यह मुद्दा ऑनलाइन उठाया है। बताया गया है कि कैसे छात्रों को घटिया तरीके से छूने और उनके साथ शारीरिक, भावनात्मक और सेक्सुअल सीमा लाँघने का प्रयास होता था। ऑनलाइन पिटिशन पर 1300 लोगों ने साइन किए हैं और एक साथ ऐसे यूनिवर्सिटी स्टाफ को हटाने की माँग की है। इसके अतिरिक्त एक इंटरनल कमेटी बनाने की माँग है जो ऐसे संस्थानों में यौन शोषण के मुद्दों से डील करे। साथ ही ये बताए कि ऐसी स्थिति में छात्र क्या करें।