दिल्ली सरकार के मंत्री व AAP नेता सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। इस मामले में तिहाड़ जेल के अधीक्षक अजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। प्रथम दृष्टया पाया गया है कि उन्होंने ऐसी अनियमितताएँ की हैं, जिनको लेकर जाँच करने की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार के कारागार विभाग ने यह कार्रवाई की है।
Satyendra Jain VIP treatment case | Jail Superintendent of Tihar Jail, Ajit Kumar, DANICS, suspended. He has prima facie been found to have committed irregularities that warrant inquiry: Prison department, Delhi Government
— ANI (@ANI) November 14, 2022
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने पिछले हफ्ते दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने का आरोप लगाते हुए उन्हें तिहाड़ जेल से स्थानांतरित करने की माँग की थी। इससे पहले जेल में जैन को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया था। मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेट्री से रिपोर्ट माँगी थी। जैन पर आरोप है कि वह तिहाड़ जेल में रहते हुए जेल अधिकारियों की मिलीभगत से सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।
ईडी ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। इडी ने सत्येंद्र जैन से संबंधित समस्त डेटा गृह मंत्रालय को भी दिया था। आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन को उनके सेल तक पहुँचने की सुविधा दी गई है। कई बार वह मुलाकात के लिए तय समय से अधिक देर तक वहाँ रुकती हैं। इसके अलावा जैन को जेल में हेड मसाज, फुट मसाज और बैक मसाज जैसी तमाम सुविधाएँ दी जा रही हैं।
ईडी ने कोर्ट को दी शिकायत में कहा था कि सत्येंद्र जैन जेल के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ईडी ने सत्येंद्र जैन के ऐशो-आराम की तमाम सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट को सौंपी थीं। इसके अलावा महाठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) ने भी सत्येंद्र जैन के खिलाफ सनसनीखेज दावे किए थे। उसने दिल्ली के उप-राज्यपाल वी के सक्सेना को चिट्ठी लिखकर बताया था कि जैन उससे मिलने तिहाड़ जेल में आते थे और ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर उससे 10 करोड़ रुपए लिए थे।
महाठग के पत्र में लिखा था, ”2017 में मेरी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में कई बार सत्येंद्र जैन मुझसे मिलने आए थे।” सुकेश चंद्रशेखर ने पत्र में लिखा है कि 2019 में सत्येंद्र के पीए ने उसे जेल के अंदर सभी बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए प्रोटेक्शन राशि के रूप में हर महीने 2 करोड़ रुपए देने को कहा था। उस वक्त जैन के पास जेल विभाग का जिम्मा था। बताया जा रहा है कि जेल में बैठकर लिखे गए इस पत्र को सुकेश ने अपने वकील अनंत मलिक के जरिए भेजा था।