सूरत का स्वयंभू वैज्ञानिक मितुल त्रिवेदी गिरफ्तार हो गया है। चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद उसने इसका डिजाइन तैयार करने का दावा कर खूब सुर्खियाँ बटोरी थी। लेकिन जाँच में यह बात सामने आई है कि उसका भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से कोई वास्ता नहीं है। ट्यूशन में अधिक बच्चे पाने के लिए उसने खुद को वैज्ञानिक घोषित कर दिया था।
मितुल त्रिवेदी को सूरत क्राइम ब्रांच ने 29 अगस्त को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 478, 471, 419 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया था।
23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके बाद मितुल त्रिवेदी का एक ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें वह अपने शिक्षक से बात करते हुए सुनाई दे रहा था। बातचीत में वह चंद्रयान-3 के डिजाइन में अहम भूमिका निभाने का दावा कर रहा था। इसके बाद उसने कई मीडिया चैनलों को इंटरव्यू दिया। इस दौरान भी चंद्रयान-3 के डिजाइन को लेकर अपने दावों को दोहराया।
સુરત:મિતુલ ત્રિવેદીની ધરપકડ, ક્રાઈમ બ્રાન્ચે દાખલ કરી ફરિયાદ#Gujarat #news18gujaratino1 #surat pic.twitter.com/RCCokuMnRN
— News18Gujarati (@News18Guj) August 29, 2023
मीडिया में यह मामला आने और सोशल मीडिया में मितुल त्रिवेदी के दावों पर सवाल उठने के बाद सूरत पुलिस का ध्यान इस ओर गया। उन्होंने उसे पूछताछ के लिए बुलाया। इस दौरान त्रिवेदी इसरो से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं दे पाया। इसके बाद मामले की जाँच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। त्रिवेदी के दावों में गड़बड़ी दिखने के बाद आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सूरत के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने मीडिया को बताया है कि मितुल त्रिवेदी ने खुद के इसरो वैज्ञानिक होने का दावा किया था। पुलिस ने इसको लेकर जब इसरो से संपर्क किया तो उसके दावों की पुष्टि नहीं हुई। त्रिवेदी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने एमकॉम की पढ़ाई की। वह ट्यूशन क्लास चलाता है। उसने यह सोचकर खुद के वैज्ञानिक होने की अफवाह फैलाई कि इसके बाद ट्यूशन पर और अधिक बच्चे आएँगे।