टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) मुंबई ने 19 अगस्त को छात्र संगठन प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (PSF) पर बैन लगा दिया। यह संगठन वामपंथी विचारधारा वाले स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़ा हुआ है। PSF पर बैन लगाने के लिए जारी किए गए अपने नोटिस में TISS ने कहा कि यह छात्रों को गुमराह कर रहा है और संस्थान को बदनाम कर रहा है। इससे पहले, अप्रैल में TISS ने पीएचडी छात्र और PSF सदस्य रामदास प्रीति शिवनंदन को बार-बार गलत आचरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए बैन कर दिया था।
प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम पर बैन लगाने वाले नोटिस पर रजिस्ट्रार प्रोफेसर अनिल सुतार ने हस्ताक्षर किए हैं। TISS ने PSF को अपने परिसर में एक “अनधिकृत और अवैध मंच” कहते हुए उस पर छात्रों को गुमराह करने, संस्थान के कामकाज में बाधा डालने, छात्रों और शिक्षकों के बीच विभाजन पैदा करने और संस्थान को बदनाम करने का आरोप लगाया।
नोटिस में लिखा है, “यह समूह ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है, जो संस्थान के कामों में बाधा डालती हैं, संस्थान को बदनाम करती हैं, हमारे समुदाय के सदस्यों को नीचा दिखाती हैं और छात्रों और शिक्षकों के बीच विभाजन पैदा करती हैं। यह देखा गया है कि यह समूह छात्रों को उनकी शैक्षणिक गतिविधियों और परिसर में सामंजस्यपूर्ण जीवन से गुमराह, विचलित और गुमराह कर रहा है।”
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने PSF सदस्यों को परिसर में किसी भी कार्यक्रम का आयोजन करने या उसमें भाग लेने पर बैन लगा दिया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर वो ऐसा करते हैं, तो संस्थान इसमें तुरंत हस्तक्षेप करेगा और फिर उसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। TISS ने छात्रों से PSF सदस्यों के साथ किसी भी तरह के संपर्क की सूचना कैंपस सिक्योरिटी को देने के लिए कहा है, जो इस मामले को गोपनीयता के साथ संभालेगी।
TISS ने कहा है कि संस्थान सुरक्षित और सहयोगी शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। TISS ने कहा, “कोई भी छात्र या संकाय सदस्य समूह की बाँटने वाली विचारधाराओं का समर्थन, सहयोग या प्रचार करते हुए पाया गया तो संस्थान की नीतियों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
देश विरोधी गतिविधियों के लिए PSF सदस्य हुआ था बैन
टीआईएसएस में पीएचडी कैंडिडेट रामदास प्रीनी शिवनंदन को 18 अप्रैल को “बार-बार गलत आचरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों” के लिए दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया था। ये निलंबन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एक विरोध मार्च में उनकी भागीदारी के बाद किया गया, जिसे संस्थान ने अनुशासन का उल्लंघन माना। रामदास पर टीआईएसएस परिसरों में जाने से भी बैन लगा दिया गया।
रामदास के खिलाफ विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग और बिना अनमुति के लिए कार्यक्रमों के आयोजन जैसे कार्यों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य रामदास पर संस्थान के संसाधनों का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का आरोप है, जिसके बारे में प्रशासन का दावा है कि इससे संस्थान की प्रतिष्ठा धूमिल होती है।
पीएसएफ का विवादास्पद इतिहास
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, PSF के सदस्यों ने बैन के समय पर आशर्य जताया, क्योंकि वो टीआईएसएस चांसलर को हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपने वाले थे। वो बैन के खिलाफ अपील करने के लिए प्लानिंग कर ही रहे थे कि उन पर बैन लगाने की घोषणा कर दी गई। बता दें कि पीएसएफ कई बार विवादों में पहले भी रहा है। जनवरी 2023 में पीएसएफ ने भारत सरकार द्वारा डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाए जाने के बावजूद TISS परिसर में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री “भारत: मोदी प्रश्न” की स्क्रीनिंग की थी।
मार्च 2023 में PSF ने निदेशक के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि प्रशासन ने उन्हें हर्ष मंदर और JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष द्वारा भगत सिंह मेमोरियल लेक्चर (BSML) आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। नवंबर 2023 में पीएसएफ ने TISS एंट्रेस प्रोसेस में लाए गए बदलावों का विरोध किया, जहाँ TISS ने अपना एंट्रेस टेस्ट बंद कर दिया और कहा कि यहाँ एडमिशन CUET के आधार पर होंगे।
ऑपइंडिया ने सोशल मीडिया पर PSF के इतिहास को खंगाला और पाया कि संगठन ने लगातार “फिलिस्तीनी मुद्दे” का समर्थन किया है और इजरायल विरोधी सामग्री पोस्ट की। एक पोस्ट में उन्होंने बेहद आपत्तिजनक और विवादास्पद नारे का इस्तेमाल किया “नदी से समुद्र तक, फिलिस्तीन आज़ाद होगा” जो नक्शे से इजरायल को मिटाने की बात करता है। यह पोस्ट हमास द्वारा इजरायल पर किए गए क्रूर आतंकवादी हमले के ठीक पाँच दिन बाद आया था जिसमें 1,300 इजरायली और विदेशी मारे गए थे।
एक अन्य पोस्ट में पीएसएफ ने न्यूज़क्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ के साथ एकजुटता जताई, जिस पर भारत विरोधी गतिविधियों के लिए चीन से कथित रूप से धन लेने के आरोप में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 3 अक्टूबर 2023 को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने उसी दिन न्यूज़क्लिक के दफ़्तर पर छापा मारा और उसे सील कर दिया, जिसमें भारत की आलोचना करने वाले नैरेटिव फैलाने के लिए चीन से विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले शामिल थे।
अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर छात्रों और कर्मचारियों के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) पर टीआईएसएस प्रशासन द्वारा जारी परिपत्र के खिलाफ छह छात्र संगठनों द्वारा जारी किए गए बयान में पीएसएफ भी शामिल था। पीएसएफ एक दशक से अधिक समय से कैंपस में सक्रिय था। पीएसएफ के सदस्य स्टूडेंट यूनियन के उपाध्यक्ष सहित कई छात्र संघ पदों पर कार्य कर चुके हैं।
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