पूर्व कॉन्ग्रेसी अब्दुल करीम लड़ेगा पार्षदी का चुनाव, दलित की दिनदहाड़े हत्या में था शामिल

पूर्व कॉन्ग्रेस नेता अब्दुल करीम (साभार: thenewsminute.com)

तेलंगाना के मिरियालगुडा का पूर्व कॉन्ग्रेसी नेता अब्दुल करीम जिस पर एक दलित पेरुमला प्रणय की हत्या में सहयोग करने का आरोप लगा था, उसने पार्षद के रूप में चुनाव में लड़ने के लिए शुक्रवार को नामांकन-पत्र दाखिल किया। बता दें कि पेरुमला की हत्या का कारण एक सवर्ण महिला से शादी करना था।

हालाँकि, पार्टी ने करीम को निलंबित कर दिया था और बी-फॉर्म जारी नहीं किया गया था, फिर भी उसने कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रणय की हत्या करने वालों में पाँचवा नाम अब्दुल करीम का था। प्रणय की हत्या दो साल पहले दिन-दहाड़े कर दी गई थी। जाति-अपराध में, करीम पर आरोप लगाया गया था कि उसने मुख्य आरोपित मारुति राव को सुविधा मुहैया कराई थी।

ख़बर के अनुसार, हत्या की वारदात में उसकी भूमिका सामने आने के बाद, कॉन्ग्रेस पार्टी ने उसे तुरंत निलंबित कर दिया था, जिसके बाद उसे गिरफ़्तार भी कर लिया गया था। लेकिन, ऐसा लगता है कि करीम और मारुति राव, जो फ़िलहाल ज़मानत पर बाहर हैं, उन्हें अपने शहर में सार्वजनिक तौर पर लोगों का समर्थन मिल रहा है।

पिछले साल अक्टूबर में, मिरियालागुडा के विधायक एन भास्कर राव और तेलंगाना विधान परिषद के अध्यक्ष गुट्टा सुखेंदर रेड्डी ने दशहरा समारोह में मारुति राव के साथ मंच साझा किया था। मरुति राव दशहरा समारोह समिति का महासचिव था, जिसने मिरयालगुडा में उत्सव का आयोजन किया था।

प्रणय अपनी गर्भवती पत्नी अमृता के साथ 14 सितंबर को मिरयालगुडा के एक निजी अस्पताल से बाहर आ रहे थे कि तभी अचानक प्रणय पर चाकू से हमला किया गया, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। आरोपित की पहचान सुभाष शर्मा के रूप में हुई थी। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गई और जातिगत-हत्या की ख़बर  पूरे राज्य में इस आग की तरह फैल गई।

नलगोंडा पुलिस ने हत्या के मामले में जून में 1600 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें प्रणय की हत्या करने की योजना के पूरे घटनाक्रम को बताया गया था। लेकिन, इस मामले में कोई मुक़दमा शुरू नहीं हुआ।

प्रणय की हत्या के कुछ समय बाद, ‘Thalli Thandrula Parirakshana Vedika’ (अभिभावक संरक्षण मंच) के बैनर तले एक समूह, जिसमें आर्य वैश्य संघ के सदस्य शामिल थे और वो मारुति राव की जाति के सदस्य थे, उन्होंने अपना पक्ष आरोपितों के समर्थन में रखा। इतना ही नहीं उन्होंने मिरियालगुडा में उनके लिए न सिर्फ़ एक रैली निकाली, बल्कि आरोपितों से जेल में मुलाक़ात भी की। सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए उन्हें (आरोपितों) नायक की उपाधि तक दी गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया