अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में रामलला की जिस मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित किया जा रहा है, उस मूर्ति को कर्नाटक के मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। कृष्णशिला पर बनाई गई इस मूर्ति का वजन 150 से 200 किलोग्राम है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भक्तों से अपील की है कि सभी लोग भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी अपनी भावनाओं का वीडियो बनाएँ।
ट्रस्ट ने लोगों से यह भी कहा है कि उस वीडियो को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर #ShriRamHomecoming हैशटैग के साथ शेयर करें। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बताया, “कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होने हेतु किया गया है।”
कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होने हेतु किया गया है।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 15, 2024
The Murti sculpted on Krishna Shila, by renowned sculptor Shri Arun Yogiraj, has been selected as Shri…
रामलला की जिस मूर्ति को चुना गया, जानिए उसकी खास बातें
मैसूर (कर्नाटक) के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने पाँच वर्षीय रामलला की 51 इंच ऊँची श्यामल (सांवली) मूर्ति बनाई थी। इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के 11 ट्रस्टियों ने सर्वसम्मति से चुना है। हालाँकि, अब तक रामलला की ये तस्वीर बाहर नहीं आई है। उम्मीद है कि सारी दुनिया रामलला को 22 जनवरी 2023 को ही देख पाएगी।
पाँच पीढ़ियों से मूर्ति बनाता है योगीराज परिवार
अरुण योगीराज का परिवार पाँच पीढ़ियों से मूर्तिकला के क्षेत्र में है। उन्होंने केदारनाथ में लगी आदि शंकराचार्य की मूर्ति को भी बनाया है। वहीं, दिल्ली में लगी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति को भी उन्होंने ही बनाया है। उनके परिवार द्वारा संरक्षित इस मूर्तिकला को मैसूर राजपरिवार का आश्रय प्राप्त रहा है।
अरुण योगीराज शुरू में मूर्ति बनाने को ही जीवन-यापन का जरिया नहीं बनाना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने एमबीए की शिक्षा प्राप्त की और फिर कुछ समय प्राइवेट नौकरी भी की। हालाँकि, कुछ ही समय में उनका मन प्राइवेट नौकरी से हट गया और उन्होंने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
राम तीर्थ क्षेत्र ने की खास अपील
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक अपील सभी लोगों से की है। आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा गया है, “प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली पर पाँच शताब्दियों के पश्चात पुन: पधार रहे हैं। इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए सम्पूर्ण ब्रह्मांड उत्सुकता से प्रतीक्षा में है। प्रभु श्री राम के स्वागत की भव्यता को बढ़ाने के लिए हम दुनिया भर के सभी रामभक्तों से एक लघु वीडियो के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएँ व्यक्त करने का आग्रह करते हैं।”
पोस्ट में आगे कहा गया है, “आप ये वीडियो अपने पूरे नाम, जगह और संक्षिप्त व्यक्तिगत नोट के साथ #ShriRamHomecoming लिखकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं। आइए, सभी मिलकर सामूहिक रूप से एकता के सबसे बड़े सूत्रधार भगवान श्रीराम के आगमन का उत्सव मनाएँ।”
Shri Ram's return to his rightful abode after five centuries fills the universe with unparalleled emotions. To enhance the grandeur of his welcome, we urge all Shri Rambhakts across the globe to express their thoughts and emotions about this historic event through a short video.…
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 16, 2024
बता दें कि आज (16 जनवरी 2024) से रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। अयोध्या में भगवान राम के जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत प्रायश्चित पूजा के साथ शुरू हुई। उसके बाद कर्मकूटि पूजन हुआ। 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर में लाया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को 12.20 बजे से प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम होगा।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जैसे गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि भगवान राम की जिस मूर्ति की अभी पूजा हो रही है, उनकी भी पूजा जारी रहेगी। उन्हें मूल मूर्ति के साथ ही गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।