उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के एक मिशनरी स्कूल में हिन्दू छात्रों की प्रताड़ना का मामला सामने आया है। टीचरों पर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने और छात्रों के माथे पर लगे तिलक हटाने का आरोप है। दावा है कि यहाँ छात्रों को ईसाई बनने का लालच भी दिया जाता है। हिन्दू संगठनों ने बुधवार (13 सितंबर 2023) को घटना पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया है। पीड़ितों के अभिभावकों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी मामले की शिकायत की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना हापुड़ जिले के देहात थाना क्षेत्र के ततारपुर की है। यहाँ स्थित सेंट एंथोनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार को कई छात्रों के परिजन शिकायत लेकर पहुँचे। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल के कुछ टीचरों उनके बच्चों के माथे से तिलक पोछ दिए। हाथों में बँधी राखी काटकर कूड़ेदान में फेंक दी। आरोप यह भी है कि जब छात्रों ने टीचरों की इस हरकत का विरोध किया तब हिन्दू देवी-देवताओं के लिए अपमानजनक शब्द बोले गए।
अभिभावकों का यह भी आरोप है कि छात्रों को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने इसके बारे में घर में किसी को बताया तो उनके नाम काट दिए जाएँगे। मामले की जानकारी मिलते ही स्कूल में हिन्दू संगठनों का जमावड़ा हुआ। विश्व हिन्दू परिषद नेता गिरीश त्यागी ने आरोप लगाया है कि स्कूल के अंदर ईसाई मिशनरियों से जुड़े लोगों द्वारा छात्रों के धर्मान्तरण का प्रयास किया जाता है। उन्होंने स्कूल के अंदर हिन्दू छात्रों के मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रशासन से आरोपितों पर कार्रवाई की माँग की है।
अभिभावकों और हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने आरोपित टीचरों को बुलवाया। बताया जा रहा कि दुबारा ऐसा न करने का भरोसा देते हुए आरोपित टीचरों ने माफी माँगी। हिन्दू संगठनों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। पीड़ित छात्रों के परिजनों ने इस घटना की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल, चाइल्ड वेलफेयर एसोसिएशन और बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है। हापुड़ के एडिशनल एसपी मुकेश चंद के मुताबिक शिकायत मिलने पर मामले की सत्यता परख कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रार्थना के बीच में जीजस और अंत में आमीन
हापुड़ के जिस सेंट एंथोनी स्कूल की यह घटना है, उसकी प्रार्थना में सभी छात्रों को जीसस की संतान बताया जाता है। साथ ही प्रार्थना का अंत आमीन के साथ किया जाता है। स्कूल के परिचय में ही क्रॉस को आत्मविश्वास और बलिदान का प्रतीक बताया गया है।