उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रविवार (24 जुलाई, 2022) को काँवड़ यात्रा रोकने के लिए भारी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने चारपाई लगाकर काँवड़ियों का रास्ता बंद कर दिया। जिसको लेकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। जहाँ रास्ता रोकने को लेकर मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि काँवड़ यात्री तय रूट से नहीं जा रहे हैं। वहीं काँवड़िए पहले भी उधर से गुजरने की बात कह रहे थे जिससे दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक हंगामा होता रहा। हालाँकि, इसकी भनक लगते ही प्रशासनिक अधिकारी दलबल के साथ मौके पर पहुँचकर स्थिति सँभाला।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुरादाबाद के बिलारी में थाना सोनकपुर के इब्राहिमपुर गाँव में जल लेकर पहुँचे काँवड़ियों को मुस्लिम महिलाओं ने आगे बढ़ने से रोक दिया। रास्ता रोकने के लिए पहले मुस्लिम महिलाओं ने रास्ते में बड़ी-बड़ी चारपाई लगाई और फिर खुद उसके पीछे खड़ी हो गईं। ये सभी काँवड़िए भी उसी इब्राहिमपुर गाँव के बताए जा रहे हैं जो हरिद्वार से जल भरकर आ रहे थे। फिर भी जहाँ महिलाओं ने आरोप लगाया कि काँवड़िए तय रूट से नहीं जा रहे हैं। वहीं काँवड़ यात्री भी वापस लौटने को तैयार नहीं थे।
रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही इस काँवड़ियों की राह रोके जाने की खबर थाना प्रभारी हंबीर सिंह को मिली। वह दलबल के साथ मौके पर पहुँचे। दो अलग-अलग समुदायों का मामला होने की वजह से हालात की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ने घटना की उच्चाधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद एसपी ग्रामीण विद्या सागर मिश्र, एडीएम, एसडीएम बिलारी राज बहादुर सिंह पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ गणेश कुमार गुप्ता लाव-लश्कर के साथ मौके पर पहुँचे।
अधिकारियों के मुताबिक दोनों पक्ष एक दूसरे की बात सुनने को तैयार नहीं थे। जहाँ मुस्लिम महिलाएँ नया रिवाज शुरू करने का आरोप लगा रहीं थीं। उनका कहना था कि इस रस्ते से पहले कभी काँवड़ यात्रा न गुजरी थी। वहीं उसी गाँव के काँवड़िए वापस लौटने को तैयार नहीं थे। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच करीब बीच दो घंटे तक पंचायत हुई। पंचायत में ग्राम प्रधान की ओर से एसडीएम को रास्ते के स्थाई समाधान निकालने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। इसके बाद ही कहीं काँवड़ यात्रा आगे बढ़ सकी।
हालाँकि, रुट का समाधान न होने पर मुस्लिम पक्ष द्वारा मुहर्रम और बारावफात की जुलुस भी निकालने की धमकी दी गई। बता दें कि काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को मनाया और मामले को शांत कराया। वहीं काँवड़ यात्रा रोके जाने से मुस्लिम बहुल गाँव में तनाव का माहौल है।