बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेघपुर गाँव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच आपसी झड़प का मामला सामने आया है। घटना शनिवार (अक्टूबर 3, 2020) की है। पुलिस का कहना है कि पूरा मामला अफवाह के कारण शुरू हुआ। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर ज्यादती की। उन पर गोली चलाई और माँ दुर्गा की प्रतिमा को पानी में फिंकवा दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीतामढ़ी जिले के मेघपुर में कुछ लोग दुर्गा पूजा का आयोजन करवा रहे थे। साथ ही दुर्गा माँ की मूर्ति का निर्माण भी वहाँ कराया जा रहा था। जब पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो सशस्त्र बल के साथ थाना प्रभारी दुर्गा पूजा के आयोजन को रोकने और प्रतिमा हटाने के लिए पहुँच गए। इस पर मेघपुर के ग्रामीण कथित तौर पर भड़क गए और पुलिस पर पथराव करने लगे।
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पहले तो पुलिस विभिन्न मूर्तियों को उठाकर जबरन विसर्जन करवाना चाहती थी। लेकिन बाद में उन्होंने माँ दुर्गा की प्रतिमा के साथ बने गणपति, सरस्वती, कार्तिक, लक्ष्मी आदि की छोटी-छोटी मूर्तियों को उठवा कर पूजा स्थल से करीब 1 किलोमीटर दूर पानी में फिंकवा दिया।
इसी के बाद बात बढ़ी और गुस्साए ग्रामीणों ने पत्थर फेंकने शुरू किए। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने यह काम शराब के नशे में किया। इधर, पुलिस का कहना है कि जब उनकी टीम पर ग्रामीण भारी पड़ने लगे, तो उन्होंने हवाई फायरिंग की।
दोनों पक्ष के लोग हुए घायल
बता दें कि इस आपसी झड़प में पलक चौधरी का बेटा राघवेंद्र चौधरी गोली लगने से जख्मी हो गया, जिसे इलाज के लिए सीतामढ़ी के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया है। पुलिस का कहना है कि राघवेंद्र को गोली ग्रामीणों की फायरिंग में लगी है।
उसके अलावा पत्थरबाजी बाजी व लाठीचार्ज में ग्रामीण सुशील चौधरी, उमेश चौधरी, सुनील झा, सर्किल इंस्पेक्टर अरुण कुमार, जोनल ऑफिसर संजय कुमार, अवर निरीक्षक ललन सिंह समेत 12 से अधिक लोग घायल हो गए।
भाजपा मंडल अध्यक्ष अध्यक्ष ने उठाई जाँच की माँग
गौरतलब है कि इस मामले में भाजपा मंडल अध्यक्ष सुरेश कुमार मिश्रा ने जाँच के बाद कार्रवाई की माँग की है। दूसरी ओर पूजा समिति के अध्यक्ष ब्रजेश चौधरी, उपाध्यक्ष राकेश चौधरी, सचिव बृजेश मंडल व कोषाध्यक्ष साकिर हुसैन आदि ने आरोप लगाया है कि साजिश के तहत व बिना जानकारी दिए पुलिसकर्मियों द्वारा फायरिंग की गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी मूर्तियाँ फिंकवाने के साथ-साथ दान की गई 55 हजार की नकद राशि व 1 लाख रुपए के जेवर भी ले गए। इसी सब से नाराज हो कर ग्रामीणों व दुर्गा पूजा से जुड़े पूजा समिति के दर्जनों सदस्यों ने सुरसंड मेघपुर पथ को घंटों तक जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया। ये लोग आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग कर रहे थे।
पुलिस का पक्ष
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरसंड थानाध्यक्ष भोला प्रसाद सिंह ने बताया कि शनिवार की रात पुलिस इलाके में गश्त लगा रही थी। इसमें जोनल अधिकारी, सर्किल इंस्पेक्टर के साथ कई अधिकारी शामिल थे। इसी बीच 2-3 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही थी। तभी, किसी ने मेघपुर स्थित एक मंदिर में लगे माइक से अफवाह फैलाते हुए घोषणा कर दी कि पुलिसवाले मारपीट कर रहे हैं।
बता दें कि एसपी प्रमोद कुमार यादव ने आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि 2-3 बदमाशों ने अफवाह फैलाकर लोगों को उकसाने का काम किया है। सबकी पहचान कर ली गई है। इन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई की जा रही है। पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप गलत है और इलाके में शांति है।