इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वामी रामभद्राचार्य पर SC-ST एक्ट के तहत FIR की माँग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा कहा गया कोई भी कथन ऊपर SC-ST एक्ट और IPC के तहत अपराध के अंतर्गत नहीं आता।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार (9 अक्टूबर, 2024) को इस मामले की सुनवाई की। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने FIR की माँग करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि IPC के साथ-साथ SC-ST एक्ट की धाराओं तथा आईटी अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं पाया गया और ऐसे में याचिका खारिज की जाती है।
हाई कोर्ट में स्वामी रामभद्राचार्य की तरफ से कहा गया कि जिस बयान को लकर आरोप लगाए गए हैं उसके कई मतलब लगाए जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश की तरफ से पेश वकील ने भी स्वामी रामभद्राचार्य की दलील का समर्थन किया। इससे पहले निचली अदालत ने भी यह याचिका खारिज कर दी थी।