रिपोर्ट्स के मुताबिक, पति का कहना था कि पत्नी उन्हें मानसिक तौर पर परेशान करती थी और वह उससे तंग आ चुके थे। उन्होंने साल 2011 में तलाक के लिए केस फाइल किया था जिसकी सुनवाई 11 साल बाद जाकर पूरी हुई। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी दोनों के तलाक के लिए मुहर लगाई।
सेटलमेंट के लिए पति ने जमीन बेचकर 2,16,00,000 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट दिया। वहीं 50 लाख रुपए नकद दिए, जो फसल बेचकर कमाए थे। इसके अलावा 40 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहने भी पत्नी को दिए। कुल मिलाकर पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। ये समझौता इस बात पर हुआ कि अगर बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो जाती है तो भी पति की बाकी बची संपत्ति में बीवी-बच्चों का हक नहीं होगा