सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST आरक्षण के भीतर वर्गीकरण को लेकर हाल ही में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में डाली गई याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस फैसले पर दोबारा विचार करने को लेकर कोई मजबूत दलील नहीं रखी गई है।
शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट की CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय बेंच ने इस याचिका को खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि उसे फैसले में कोई गलती नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसे में यह याचिकाएँ रद्द की जाती हैं।
कोर्ट ने 1 अगस्त, 2024 को कहा था कि SC-ST को दिए जाने वाले आरक्षण के भीतर ऐसी जातियों को ज्यादा तरजीह दिया जा सकता है, जो आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अत्यधिक पिछड़े हुए हैं। आरक्षण में आरक्षण देने के दौरान जातियों को सूची से अंदर-बाहर करने का निर्णय तुष्टिकरण के लिए ना लिया जाए।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा वाली 7 सदस्यीय संविधान पीठ ने 1 अगस्त 2024 को यह निर्णय दिया था। इस निर्णय में 6 जज एकमत थे, जबकि जस्टिस बेला त्रिवेदी ने इस पर अपनी असहमति जताई थी।