मुस्लिम मंत्री के साथ गया के विष्णुपद मंदिर में प्रवेश करने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) घिरते जा रहे हैं। बीजेपी ने कहा है कि नीतीश कुमार को हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करना पसंद है। साथ ही पूछा है कि अपना साम्प्रदायिक सद्भाव दिखाने के लिए क्या वे मक्का जा सकते हैं?
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने मंगलवार (23 अगस्त 2022) को कहा, “”सोमवार को जिस प्रकार से हिंदू धर्म का अपमान हुआ है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। नीतीश कुमार जान-बूझकर इसराइल मंसूरी को लेकर विष्णुपद गए। हिंदू समाज को अपमानित करना उन्हें बहुत पसंद है। वे कई वर्षों से गया के विष्णुपद मंदिर जाते रहे हैं। वे इस बात को अच्छे से जानते हैं कि वहाँ गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है।”
जायसवाल ने कहा, “नीतीश कुमार ने न केवल हिंदुओं को अपमानित किया है, बल्कि सामाजिक ताना-बाना तोड़ने की कोशिश भी की है। मैं पूछना चाहता हूँ कि क्या वे अपना साम्प्रदायिक सद्भाव दिखाने के लिए मक्का जाएँगे?” बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने इस घटना को लेकर नीतीश कुमार से सार्वजनिक माफी की माँग की है। ऐसा नहीं होने पर सड़क से सदन तक मुख्यमंत्री का पार्टी द्वारा विरोध किए जाने की बात कही है।
जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार मंसूरी के मंदिर जाने को सेकुलरिज्म बताएँगे। लेकिन यह सेकुलरिज्म मक्का में क्यों नहीं है? उन्होंने कहा, “जब मस्जिद में उसी मजहब के लोग जाएँगे तो मंदिर में सिर्फ हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति के नियम का भी पालन किया जाना चाहिए।”
“नीतीश कुमार जी को अपने कृत्य पर सार्वजनिक तौर पर सभी से माफी मांगनी चाहिए।
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) August 23, 2022
अब वे बोलेंगे की यह सेक्युलरिज्म है। सेक्युलरिज्म सिर्फ एक ही समाज के लिए है। वो जामा मस्जिद के विशेष जगह पर जाकर दिखाएं, वहाँ सेक्युलरिज्म नहीं है क्या? मक्का में सेक्युलरिज्म नहीं है क्या?” pic.twitter.com/LKHegRdAqh
गौरतलब है कि नीतीश कुमार सोमवार (22 अगस्त 2022) को गया के विष्णुपद मंदिर में पूजा-पाठ करने गए थे। इस मंदिर के बाहर स्पष्ट रूप से लिखा है- यहाँ गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद नीतीश के साथ बिहार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी भी मंदिर के गर्भगृह में चले गए थे। इसको लेकर हिंदुओं ने नाराजगी जताई है। इस घटना के बाद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभु लाल बिठ्ठल ने भगवान विष्णु से क्षमा माँगी। गर्भगृह को गंगा जल से धोया गया।