जॉब के बदले जमीन, ज्वॉइनिंग सिर्फ 3 दिन में: CBI ने लालू यादव के खिलाफ दायर की चार्जशीट, पत्नी और बेटियों को भी बनाया आरोपित

परिवार के साथ लालू यादव परिवार (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

बिहार की सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने Land for Job घोटाले में चार्जशीट दाखिल किया है। इसमें लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi), और बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) और हेमा यादव (Hema Yadav) सहित 16 लोगों को आरोपित बनाया गया है।

विशेष सीबीआई कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में रेलवे की पूर्व जेनरल मैनेजर सौम्या राघवन (Soumya Raghavan) को भी आरोपित बनाया गया है। सौम्या रेलवे बोर्ड के फाइनांशियल कमिश्नर के पद से सेवानिवृत हुई हैं। आरोपितों में नौकरी हासिल करने वाले सात लोगों के भी नाम हैं।

आरोप पत्र में कहा गया है कि रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन रिश्वत के रूप में ली गई थी। इन जमीनों का अधिग्रहण सर्किल रेट से कम और मार्केट रेट से काफी कम रेट पर किया गया था। ये जमीन राबड़ी देवी और उनकी बेटियों भारती एवं हेमा यादव के नाम पर ट्रांसफर किया गया था।

बता दें कि जिस समय यह घोटाला हुआ था, उस समय लालू प्रसाद यादव यूपीए शासनकाल में रेलमंत्री थे। उस समय नौकरी के देने बदले लालू प्रसाद यादव के परिजनों को पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन अधिग्रहित की गई थी।

इस घोटाले में बिना विज्ञापन निकाले रिश्वत देने वाले अभ्यार्थियों को तीन दिन के अंदर रेलवे में नौकरी दे दी गई थी। इतना ही नहीं, इन उम्मीदवारों ने नौकरी के लिए झूठे स्थानांतरण प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय में झूठे प्रमाणित दस्तावेज भी जमा कराए थे।

इस मामले में सीबीआई ने मई महीने में लालू यादव और उनके परिजनों के दिल्ली और पटना के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। पटना में अधिकारियों ने राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव से अलग-अलग कमरों में पूछताछ की। पूछताछ के लिए 3-3 अफसरों की दो टीमें बनाई गई। दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से CBI के एसपी और डीएसपी स्तर के अफसरों ने पूछताछ की।

जुलाई 2022 में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के पूर्व OSD भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया था। भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे। लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे। उसी समय रेलवे भर्ती घोटाला हुआ था। आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है।

भोला यादव राजद से विधायक और विधान पार्षद भी रहे हैं। वह लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। कहा जाता है कि लालू प्रसाद का अधिकतर राज भोला यादव को पता है। भोला यादव को लालू यादव का ‘हनुमान’ कहा जाता है। वह चारा घोटाले समेत कई मामले में फँसे लालू यादव के साथ अदालत और अस्पताल हर जगह मौजूद रहते हैं। उन पर भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

क्या है मामला

रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने साल 2004-2009 के दौरान रेलवे के समूह ‘डी’ में नौकरी देने के बदले अपने परिवार और करीबी लोगों के नाम पर जमीनें ली थीं। ये सारी जमीनें पटना में स्थित हैं। ये जमीन लालू यादव के परिवार द्वारा संचालित कंपनी के नाम पर उपहार के तौर पर लिया गया था।

दरअसल, रेलवे में इन नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक नोटिस नहीं निकाला गया था। इसके बावजूद पटना के जिन लोगों से जमीनें ली गईं उन्हें जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दे दी गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया