दरअसल, विनेश फोगाट को लेकर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था- “हमें कारण जानना है कि आखिर क्या ऐसा हुआ कि एकदम से विनेश को बाहर किया गया और हमने कुछ नहीं किया।: खड़गे के सवाल के बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रेन को चिल्लाकर विरोध किया। इस बात से सभापति जगदीप धनखड़ काफी नाराज हो गए।
धनखड़ ने कहा, “आपकी हिम्मत कैसी हुई अध्यक्ष पर चिल्लाने। आपकी हरकत सबसे घटिया हरकत है। मैं इसकी निंदा करता हूँ। अगली बार मैं आपको सदन से बाहर कर दूँगा। आपने अध्यक्ष की ओर हाथ करके चिल्लाने की हिम्मत कैसे की।”
How Dare you Shouting at chair??
— Mohit Suryavanshi (@IMAntiSecular) August 8, 2024
your conduct is ugliest in the house, I condemn your action.
Next time I Show you the door.
Angry Jagdeep Dhankar Schooled Derek O Brien. pic.twitter.com/8ESIrCDLYL
सभापति जगदीप धनखड़ के इस बयान के बाद विपक्ष के कुछ नेता वॉकआउट कर गए। इसके बाद जगदीप धनखड़ ने कहा, “हमने सदन के अंदर अभी सबसे खराब स्थिति को देखा। हमने आपातकाल के दौरान अपने संविधान का सबसे काला दौर देखा था। हमें पता है यह कैसे शुरू हुआ था। यह सबसे संवैधानिक संस्थाओं को चुनौती देने के साथ शुरू हुआ था। जून 1975 में चुनौती थी। अभी भी गंभीर चुनौती है। क्या इस तरह के व्यवहार की कोई सही ठहरा सकता है।”
Rajya Sabha: विपक्ष के आरोपों से आहत होकर सभापति की कुर्सी से उठकर चले गए Jagdeep Dhankar l Congress
— Jago India Jago News (जागो इंडिया जागो) (@jago_indiajago) August 8, 2024
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विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट पर जगदीप धनखड़ ने कहा, विपक्ष के लोग इस पवित्र सदन की गरिमा को ठेस पहुँचा रहे हैं। इसे आराजकता का केंद्र बना रहे हैं। ये सांसद गलत आचरण तो दिखा ही रहे हैं, साथ ही शारीरिक रूप से भी सभापति के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने आहत मन से कहा, “पवित्र सदन को अराजकता का केंद्र बनाना, भारतीय प्रजातंत्र के ऊपर कुठाराघात करना। अध्यक्ष की गरिमा को धूमिल करना, शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण वातावरण करना, यह अमर्यादित आचरण नहीं है, यह हर सीमा को लांघित करने वाला आचरण है। यह सदन इस समय देश की रूलिंग पार्टी के अध्यक्ष को यहाँ सदन के नेता को रूप में देख रहा है। यह सदन प्रतिपक्ष ने अध्यक्ष को भी यहाँ नेता प्रतिपक्ष के रूप में यहाँ देख रहा है। कॉन्ग्रेस पार्टी की वरिष्ठतम नेता भी इस सदन की सदस्य हैं। जो मैं हाल के दिनों में देख रहा हूँ, और जिस तरह से चुनौती शब्दों से, पत्र के द्वारा, अखबार के माध्यम के द्वारा, एक प्रमुख अखबार, नाम नहीं लेना चाहता हूँ, कितनी गलत टिप्पणी की है।”
उन्होंने कहा, “मैंने देखा है। मेरे को ये चुनौती नहीं दी जा रही है। यह चुनौती सभापति के पद को दी जा रही है, और ये चुनौती इसलिए दी जा रही है क्योंकि जो व्यक्ति इस पद पर बैठा है, वो इसके लायक नहीं है। ऐसा ये सोचते हैं। मुझे हाउस का समर्थन जितना चाहिए उतना नहीं मिला है। मैंने प्रयास में कोई कमी नहीं की है।”
आगे उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश को भी फटकारा। सभापति ने कहा, “जयराम जी आप हँसिए नहीं… मैं आपकी आदत जानाना हूँ। अब मेरे पास एक ही विकल्प है। सदन में बहुत से वरिष्ठ सदस्य हैं। अब भी उपस्थित हैं उनका सम्मान करता हूँ। उन्होंने राजनीति मेरे से बहुत ज्यादा देखी है। दुखी मन से…मैं अपनी शपथ से दूर नहीं भाग रहा हूँ। पर जो आज मैंने देखा है। जिस तरह का व्यवहार सदस्यों ने किया है। शारीरिक रूप से किया है। जिस तरह का व्यवहार इधर से (विपक्ष की ओर इशारा करते हुए) भी हुआ है। कुछ समय के लिए मैं यहा बैठने में अपने आपको सक्षम नहीं पा रहा हूँ।” इसके बाद वह सदन छोड़कर चले गए।