गोवा में सालों से चल रहा था हिंदुओं का धर्मांतरण, हमने रोका: सरकार के 100 दिन पूरे होने पर CM प्रमोद सावंत ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

गोवा के सीएम प्रमोद सावंत (फाइल फोटो )

गोवा (Goa) के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने हिंदुओं के धर्मांतरण (Religious Conversion of Hindus) पर पूरी तरह लगाम लगने का दावा किया है। सीएम सावंत ने बुधवार (6 जुलाई 2022) को पणजी में ‘100 डेज ऑफ एक्शन’ नाम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा की ‘डबल इंजन सरकार’ द्वारा किए गए कार्यों पर एक पुस्तिका का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ”सत्ता संभालने के 100 दिनों के भीतर राज्य में हिंदुओं के धर्मांतरण पर पूरी से लगाम लग गई है।”

इसके साथ ही गोवा के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कई सरकारी योजनाओं के लिए लोक शिकायत पोर्टल और SMS सूचना सेवा का शुभारंभ किया तथा लाभार्थियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि अधिकार सनद (भूमि का प्रमाण पत्र) वितरित किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन 88 पट्टों को लेने की तैयारी कर रही है, जिनका नवीनीकरण 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सरकार इन पट्टों के अलावा अन्य पट्टों के लिए ई-नीलामी की तैयारी कर रही है।

सीएम सावंत ने कहा, “हमारी सरकार ने धर्मांतरण पर सख्त रवैया अपनाया है। हमने सालों से चल रहे हिंदुओं के धर्मांतरण को रोका और अवैध भूमि अधिग्रहण मामले में जाँच के लिए SIT का गठन किया।”

गौरतलब है कि इस साल मई में दिल्ली में आयोजित पाञ्चजन्य के सेमिनार में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था, “जल्द ही गोवा देश के सबसे अच्छे राज्यों में से एक होगा। मुझे गर्व है कि गोवा में आजाद के समय से ही समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू है। यही कानून पूरे देश में भी लागू होना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि गोवा की आजादी में देरी कॉन्ग्रेस की वजह से हुई थी। इस पार्टी की नीतियों की वजह से 1947 में स्वतंत्र हुए देश में गोवा 20 साल बाद 1967 में स्वतंत्र हो पाया। भाजपा की 2012 में सरकार आने के बाद जो काम 60 साल में नहीं हो पाया, वो हमने 10 वर्षों में 2022 तक कर के दिखाया है।”

उन्होंने आगे कहा था, “पुर्तगालियों ने 450 सालों तक गोवा की मूल हिन्दू संस्कृति को नष्ट किया। हम उसी संस्कृति को फिर से स्थापित करना चाह रहे हैं। आखिर इसमें बुराई क्या है? अभी जहाँ-जहाँ भी टूटे मंदिर बने हुए हैं वो मंदिर बनने ही चाहिए। इसी के लिए इस बार सरकार ने अपने बजट में 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया