अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अम्बानी भारत के आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सहयोग कर रहे हैं। भारत को विकसित करने में इन दोनों समूहों का बड़ा योगदान है। यह बात अमेरिका मीडिया कह रहा है।
अमेरिकी मीडिया समूह CNN द्वारा प्रकाशित एक लेख में भारत के विकास में अम्बानी-अडानी के रोल पर चर्चा की गई है। लेख में कहा गया है कि यह दोनों समूह उन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं जिनकी प्रधानमंत्री मोदी लगातार बात करते आए हैं और जिन्हें वह प्राथमिकता देते हैं।
लेख में बताया गया है कि पीएम मोदी, गौतम अडानी और मुकेश अम्बानी भविष्य की महाशक्ति भारत का निर्माण कर रहे हैं। यह तीनों ही लोग इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। भारत के बीते कुछ वर्षों में चीन का विकल्प बनने और लगातर आर्थिक तरक्की करने की बात भी इस लेख में कही गई है।
इस लेख में अडानी और अम्बानी की अमेरिकी कारोबारी जॉन डी रॉकफेलर से भी तुलना की गई है। कहा गया है कि जिस प्रकार अमेरिका के विकसित होने के दौरान रॉकफेलर अमीर हुए थे, उसी प्रकार भारत के विकसित होने के साथ ही यह दोनों लोग सफलता की सीढ़ियाँ चढ़े हैं।
इसके अनुसार, भारत अभी उस बदलाव के दौर में है जिससे कई विकसित देश गुजर चुके हैं। भारत मोदी सरकार के कार्यकाल में विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। मोदी सरकार से पहले यह नौवें स्थान पर था। इस दौरान देश के लोगों की औसत कमाई में 55% से अधिक की वृद्धि हुई है।
भारत की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में 83% तक बढ़ी है। जबकि इसी दौरान जर्मनी 14% ही बढ़ सका है और जापान 14% घट गया है। कभी अगली आर्थिक शक्ति माने जाने वाला ब्राजील भी इस दौरान 13% घट गया है। यह जीडीपी वृद्धि तब देखने को मिली है जब अर्थव्यस्था को यूक्रेन-रूस युद्ध और कोरोना महामारी जैसे झटके लगे हैं।
लेख में बताया गया है कि अडानी और अम्बानी उन क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं जो कि भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायता करेंगे। इसमें कहा गया है कि यह दोनों कारोबारी समूह भारत की तरक्की के बड़े साझेदार हैं। मुकेश अम्बानी ने जहाँ भारत में घर घर तक इन्टरनेट पहुँचाने में मदद की है तो वहीं गौतम अडानी इन्फ्रा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अडानी समूह, एनर्जी, एअरपोर्ट और पोर्ट बनाने पर काम कर रहा है जो कि भारत की आर्थिक तरक्की को बढ़ाएंगे।
यह दोनों समूह भारत के एनर्जी क्षेत्र में बड़े निवेश कर रहे हैं और साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के मामले में भी भारत को आगे बढ़ा रहे हैं। लेख में यह भी कहा गया है कि भारत अडानी और अम्बानी जैसे बड़े कारोबारी घरानों के बिना तेज तरक्की हासिल नहीं कर सकता, बल्कि इसे इनके जैसे और समूह खड़े करने होंगे।