राजस्थान सरकार मदरसों पर करेगी 15-25 लाख खर्च, कुंभ मेले का नेता कर रहे विरोध.. कॉन्ग्रेस है तो मुमकिन है

पाक विस्थापित हिंदुओं का कोविड टीकाकरण न कराए जाने पर हाई कोर्ट ने लगाई राजस्थान सरकार को फटकार (साभार: हिंदुस्तान टाइम्स)

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज एक ओर जहाँ पब्लिक फंड का इस्तेमाल कुंभ में किए जाने पर योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं, वहीं समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ ने खुलासा किया है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस सरकार राजस्थान में जनता के पैसों को मदरसों के विकास में लगाने वाली है।

रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर के मदरसों को 14 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच एप्लीकेशन फाइल करने को कहा है। यह एप्लीकेशन मदरसों के ढाँचेगत विकास हेतु राशि प्राप्त करने के लिए होगी।

https://twitter.com/TimesNow/status/1316963121441898496?ref_src=twsrc%5Etfw

टाइम्स नाउ की मानें तो राजस्थान सरकार करीब 90% मदरसों के ढाँचेगत विकास का खर्चा वहन करेगी जबकि 10% खर्चे की जिम्मेदारी मदरसा बोर्ड की होगी। हर मदरसे के लिए सरकार ने 15-25 लाख रुपए निर्धारित किए गए हैं।

राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार का यह फैसला उनके ‘सेक्युलरिज्म’ के आडम्बर का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि वो मदरसों के आधुनिकीकरण के नाम पर मजहबी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जनता के पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हीं के नेता कुम्भ मेले पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

बता दें कि मदरसों के आधुनिकीकरण का जिक्र राजस्थान सरकार ने साल 2019 के अपने बजट में किया था। अशोक गहलोत सरकार के बजट 2019 की मद संख्या 116 में “मुख्यमंत्री मदरसा उन्नयन योजना” का उल्लेख किया गया था और सरकार द्वारा लगभग 7 करोड़ रुपए इसके लिए आवंटित किए गए थे।

https://twitter.com/Dr_Uditraj/status/1316669387059859463?ref_src=twsrc%5Etfw

इससे पहले महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस समर्थित महाविकास आघाड़ी सरकार ने भी अपने राज्य में मदरसे के शिक्षकों के वेतन के लिए धन आवंटित किया था।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने कुंभ को लेकर हाल में यूपी सरकार पर निशाना साधने का प्रयास किया था। हालाँकि इसके बाद उन्हें खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। पूर्व सासंद ने कहा था कि राज्य को धार्मिक शिक्षा और परंपराओं के लिए फंड नहीं देना चाहिए क्योंकि राज्य का कोई धर्म नहीं है।

उदित राज ने लिखा था, “सरकार द्वारा कोई भी धार्मिक शिक्षा या अनुष्ठान नहीं किए जाने चाहिए। सरकार का खुद का कोई धर्म नहीं होता है। यूपी सरकार इलाहाबाद में कुंभ मेले के आयोजन में 4200 करोड़ रुपए खर्च करती है, वह भी गलत है।”

हालाँकि, कई आलोचनाओं के बाद उन्होंने यह ट्वीट हटा दिया और स्पष्टीकरण देते हुए लिखा, “मैं ट्वीट को बहाल कर रहा हूँ व संवाद के लिए तैयार हूँ। जब भी राजनैतिक मामला होता है तो कॉन्ग्रेस को टैग करता हूँ, इसमें नही किया था क्योंकि व्यक्तिगत विचार है। बिना वजह पार्टी को घसीटा जा रहा है।डॉ अम्बेडकर मानते थे कि राजनीति&धर्म का मिश्रण नही होना चाहिए।”

इस मामले पर भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कॉन्ग्रेस नेता उदित राज को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस नेता नहीं समझते कि जब करोड़ों लोग एक समारोह में एकत्रित होते हैं, तब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वहाँ का ढाँचागत विकास हो और बेहतरीन सुविधाएँ मुहैया करवाई जाए, ताकि इससे रोजगार उत्पन्न हो और स्थानीयों की आय में भी वृद्धि हो। ऐसे इवेंट बुनियादी ढाँचे को विकसित करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था की मदद करने के अवसर प्रदान करते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया