जिन्हें बार-बार राज्यसभा भेजते हैं, कॉन्ग्रेस के वो मठाधीश भी चिदंबरम को बेल नहीं दिला पाए: वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता

लक्ष्मण सिंह (फाइल फोटो)

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है। एक तरफ जहाँ, पूरी कॉन्ग्रेस पार्टी चिदंबरम के बचाव में उतरकर समर्थन दे रही है और मोदी सरकार पर हमला बोल रही है, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के चचौड़ा से विधायक और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोला है। चिदंबरम को जमानत न दिला पाने को लेकर लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी के वकीलों पर बिना नाम लिए तंज कसते हुए उन्हें मठाधीश बताया।

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लक्ष्मण सिंह अपनी ही पार्टी के वकीलों पर भड़क गए और ट्वीट करते हुए लिखा, “चिदंबरम जी निर्दोष सिद्ध हों, पार्टी की स्वच्छ छवि बने, यही कामना करते हैं, परंतु दुख इस बात का है कि हमारे सभी “मठाधीश “अधिवक्ता जिन्हें बार-बार राज्यसभा का सदस्य बनाया, उनकी जमानत नहीं करा पाए।”

बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी और विवेक तन्खा चिदंबरम के लिए जमानत की कोशिश करने वाले वकीलों में शामिल हैं। लक्ष्मण सिंह ने बिना इनका नाम लिए ही इन पर निशाना साधा। इससे पहले भी, लक्ष्मण सिंह ने लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस की हार के बाद हार की समीक्षा के दौरान पार्टी के ऊपर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, “चुनाव में हार की समीक्षा करना आवश्यक है, परंतु दूसरों को दोष देने के पहले कबीर का दोहा भी पढ़ लेना चाहिए, “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलया कोई, जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा ना कोई।”

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इसके साथ ही, पिछले साल अप्रैल में जब कॉन्ग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कमलनाथ का नाम तय कर रहा था, तब सिंह ने ट्वीट किया था, “ब्लूटूथ तकनीक के युग में कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव में जाना एचएमवी रिकॉर्ड चलाने की तरह है।”

गौरतलब है कि जज अजय कुमार कुल्हड़ की अदालत में सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम के वकीलों ने तमाम दलीलें देते हुए उन्हें जमानत देने की माँग की, लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को खारिज करते हुए उन्हें 26 अगस्त तक सीबीआई की रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया