पुलिस ने लगाई बसों में आग: अमानतुल्लाह का बचाव करने के लिए सिसोदिया ने फैलाया झूठ

मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) ने धनतेरस के संदेश में भगवान धन्वन्तरि को देवी लिखा

दिल्ली में 4 बसों में आग लगाए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। जहाँ एक तरफ़ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ऐसे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को अस्वीकार्य बता रहे हैं तो उनके विधायक अमानतुल्लाह ख़ान उपद्रवी भीड़ का नेतृत्व करते नज़र आते हैं। अब ‘उलटा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली पुलिस पर ही बसों में आग लगाने का आरोप लगा दिया है। सिसोदिया ने ट्विटर पर कुछ फोटो शेयर कर दावा किया है कि दिल्ली पुलिस भाजपा के इशारों पर बसों को आग के हवाले कर रही है।

हालाँकि, सिसोदिया यहाँ ग़लती कर गए। उन्होंने दिल्ली पुलिस की वो फोटो शेयर कर दी, जिसमें पुलिस आग बुझाती हुई दिख रही है। जबकि, सिसोदिया ने दावा किया कि पुलिस आग लगा रही है। जहाँ ये वारदात हुई, वहाँ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और आप विधायक अमानतुल्लाह भी वहाँ देखे गए थे। अमानतुल्लाह ने भी इसे सिसोदिया की तरह ही भाजपा की साज़िश करार दिया। कई अन्य ट्विटर यूजर्स ने सिसोदिया को झूठ बोलने के लिए लताड़ लगाई और उन्हें समझाया कि पुलिस आग लगा नहीं रही, बल्कि बुझा रही है।

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उपद्रवियों ने बसों को आग के हवाले करने के बाद अन्य वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आँसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने डब्बों में पानी भर कर आग बुझाने की कोशिश की। दमकलकर्मियों को सूचना दे दी गई थी, लेकिन वो कुछ देर बाद मौके पर पहुँचे। जामिया के छात्रों ने इस घटना में अपना हाथ होने से इनकार करते हुए इसे आंदोलन को बदनाम करने की साज़िश बताया। जामिया के छात्रों ने कहा कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और अहिंसक है।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने जिस तरह से भाजपा को लपेटे में लेने के लिए दिल्ली पुलिस को बदनाम किया, वो लोगों को नागवार गुजरा। पुलिस लोगों से पानी लेकर आग बुझाने के लिए डाल रही थी, इसे सिसोदिया ने आग लगाना समझ लिया और बिना कुछ सोचे-समझे फोटो ट्वीट कर आरोप भी लगा दिया।

साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय विश्वास ने कहा है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। मीडिया से बात करते समय डीसीपी मौके पर ही मौजूद थे और हेलमेट पहने हुए थे। उन्होंने बताया कि पुलिस उपद्रवी भीड़ को पीछे खदेड़ने में प्रयासरत है ताकि इलाक़े में शांति-व्यवस्था बहाल की जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस को जामिया के छात्रों से कोई दुश्मनी नहीं है। उन्होंने बताया कि उपद्रवी भीड़ काफ़ी हिंसक थी और 6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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डीसीपी विश्वास ने बताया कि ग़लत अफवाह फैलाई जा रही है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई। उन्होंने जानकारी दी कि पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की है। वहीं दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा है कि पुलिस हिंसा में संलग्न असामाजिक तत्वों की पहचान में जुटी है और उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रंधावा ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और पुलिस हर गतिविधि पर नज़र रख रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया