दिल्ली शराब घोटाला मामले में उच्च न्यायालय ने बुधवार (10 जुलाई 2024) को अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया। इससे पहले हाई कोर्ट ने केजरीवाल की ट्रॉयल कोर्ट से मिली बेल को रद्द कर दिया था। वहीं इसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
इस आरोप पत्र में क्या है, इसे लेकर इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में 100 करोड़ की रिश्वत ली गई थी, जिसमें से सीधे-सीधे 45 करोड़ का फायदा आम आदमी पार्टी को पहुँचा था। ये पैसे हवाला के जरिए गोवा ट्रांसफर किए गए थे और फिर इन्हें ही चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया था।
इस तरह से चार्जशीट के अनुसार, केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने अपराध की आय के 45 करोड़ रुपए अपने लिए उपयोग किए और इस तथ्य को छुपाने की गतिविधियों में शामिल रहे हैं। चार्जशीट में ईडी ने मु्ख्य साजिशकर्ता अरविंद केजरीवाल को बताया है और उन्हें 37वें नंबर का आरोपित बनाया है।
रिपोर्ट के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आरोपित विनोद चौहान के व्हाट्सऐप चैट की पूरी जानकारी दी। आरोप है कि बीआरएस नेता के कविता के पीए विनोद के जरिए 25.5 करोड़ रुपए गोवा चुनाव के जरिए आम आदमी पार्टी तक पहुँचाए थे। चैट से यह साफ है कि विनोद चौहान के अरविंद केजरीवाल के साथ में अच्छे संबंध थे।
Court takes cognizance of ED Chargesheet on Liquor excise policy case that alleges that key accused and jailed Vinod Chauhan, a “close associate” of Kejriwal, not only handled the transfer of ₹25.5 crore bribe money for AAP from Delhi to Goa but was “also managing postings of… pic.twitter.com/s405iYdahR
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) July 10, 2024
चार्जशीट में बताया गया कि आरोपित विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीनशॉट बरामद हुए हैं। ये स्क्रीनशॉट दिखाते हैं कि विनोद चौहान क्राइम यानी अपराध से अर्जी आय को दिल्ली से गोवा हवाला के जरिए ट्रांसफर कर रहा था। वहीं वहाँ उन पैसों को मैनेज चरणप्रीत सिंह मैनेज कर रहा था। ईडी ने चार्जशीट में उसका बयान भी लिया है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र में बताया है कि केस में विजय नायर की भी अहम भूमिका थी। इस मामले में वह केजरीवाल के इशारे पर ही काम कर रहा था। हालाँकि मामले में फँसने के बाद नायर ने बता दिया था कि इस पूरे खेल को अरविंद केजरीवाल द्वारा ही चलाया जा रहा है।