असम के गोलपारा में स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर कल (6 सितंबर 2022) एक मदरसे को गिराया था। अब इसी मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जो मदरसे गिराए जा रहे हैं वो मदरसे नहीं बल्कि अलकायदा के अड्डे थे।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “हर मदरसा जिसे नष्ट किया जा रहा है वो मदरसा नहीं, बल्कि अलकायदा का अड्डा था। हमने 2-3 तोड़े और अब जनता खुद आकर इन्हें तोड़ रही है। मुस्लिम समुदाय के लोग आगे आकर इन्हें गिरा रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें ऐसा मदरसा नहीं चाहिए जो जहाँ अलकायदा के काम होते हों। इसी से मदरसे की प्रवृत्ति बदलेगी।”
All demolished madrasas were not madrasas but Al Qaeda offices. We demolished 2-3 & now public is coming to demolish others. Muslim community is coming to demolish, saying that they don’t want a madrasa where the work of Al Qaeda is done.That changes madrasa’s character: Assam CM https://t.co/j7Y0bMgsNZ pic.twitter.com/fEibiP5uTY
— ANI (@ANI) September 7, 2022
इससे पहले गोलपारा के एसएसपी वीवी राकेश रेड्डी ने कहा था, “स्थानीयों ने खुद मदरसे को गिराने का बीड़ा उठाया। सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं था। स्थानीयों को हैरानी थी कि आखिर जो जिहादी पकड़ा गया वो मदरसे में टीचर था। लोगों ने मदरसे को गिराकर संदेश दिया है कि वो जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं।”
Assam | Locals took the initiative to demolish a madrassa. Govt was not involved in it. They were surprised that the jihadi who was arrested was a teacher in the madrassa. People have given a strong message that they do not support jihadi activities: VV Rakesh Reddy, SP Goalpara https://t.co/bfS2AxiJbD pic.twitter.com/E0LV9TxuZS
— ANI (@ANI) September 6, 2022
बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित गोलपारा, गुवाहाटी से 134 किलोमीटर दूर पश्चिम में है। वहीं पाखिउरा चार क्षेत्र में एक मदरसा था। स्थानीयों का कहना था कि उस मदरसे से देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। इसके अलावा मदरसे के बगल वाले घर में बांग्लादेशी आतंकी रहते थे। ऐसे में उन्होंने मदरसे और उसके बगल वाले घर को ध्वस्त कर दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनता द्वारा तोड़ा गया मदरसा जलालुद्दीन शेख नाम का व्यक्ति चलाता था। वह पहले ही पुलिस की हिरासत में है। उसी ने साल 2020 में मदरसे में तीन मौलवी नियुक्त किए। इनके नाम अनिमुल इस्लाम, उस्मान, मेहदी हसन और जहाँगीर आलोम था। इन्हीं मौलवियों में से 2 आतंकी थे जो अलकायदा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े थे। अब दोनों फरार चल रहे हैं।