कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को 1 साल की सश्रम कारावास की सज़ा, साथ ही जुर्माना भी लगा: दो धाराओं में पाए गए दोषी

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सज़ा (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को अदालत ने एक साल की सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है। साथ ही उन पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इंदौर की अदालत ने जिस मामले में फैसला सुनाया, वो घटना 11 साल पुरानी है। दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत 5 अन्य नेताओं को भी यही सज़ा सुनाई गई है। इसमें से एक आरोपित जयसिंह दरबार हैं, जो अब भाजपा का हिस्सा हैं।

बता दें कि 11 साल पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उज्जैन पहुँचे थे, जहाँ उन्हें ‘भाजपा जनता युवा मोर्चा (BJYM)’ के कार्यकर्ताओं के काले झंडे दिखा कर विरोध प्रदर्शन किया था। इसी मामले में अनंत नारायण, असलम लाला और दिलीप चौधरी को भी सज़ा सुनाई गई है। इन सभी के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। इंदौर जिला अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश नाथ ने इस मेल में फैसला सुनाया।

ये घटना 17 जुलाई, 2011 को हुई थी। दिग्विजय सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को धारा-325 (गंभीर रूप से चोट पहुँचाना) और 109 (अपराध के लिए उकसाना) का दोषी पाया गया है। इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने ABVP कार्यकर्ता अमय आप्टे पर जानलेवा हमला किया। तीन आरोपित बरी भी हुए हैं। दिग्विजय सिंह के काफिले को काला झंडा दिखाए जाने के बाद कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से उनकी जम कर झड़प हुई थी। जीवाजीगंज थाने में इस मामले की FIR दर्ज हुई थी।

दिग्विजय सिंह अक्सर विवादों में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने आतंकी हमलों में मारे गए हिन्दुओं का भोपाल में जेनोसाइड म्यूजियम (नरसंहार संग्राहलय) बनने की माँग का विरोध करते हुए इसे साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाली माँग बताया था। ‘द कश्मीर फाइल्स के निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जेनोसाइड म्यूजियम (genocide museum) के लिए जमीन माँगी थी। शिवराज सिंह ने भी इस संग्राहलय के लिए सहमति दे दी थी। दिग्विजय सिंह का मानना है कि इससे राज्य का सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ेगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया