Tuesday, November 5, 2024
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‘अंग्रेजी सिर्फ संचार का माध्यम, बौद्धिक होने की निशानी नहीं’: गुजरात में बोले PM मोदी – शिक्षा व्यवस्था को अगले स्तर तक ले जाएगी 5G

"गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने गाँव-गाँव जाकर, सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया था। परिणाम ये हुआ है कि आज गुजरात में करीब-करीब हर बेटा-बेटी स्कूल पहुँचने लगा है, स्कूल के बाद कॉलेज जाने लगा है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देश की स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि अंग्रेजी सिर्फ संचार का माध्यम है, बौद्धिक होने का पैमाना नहीं। प्रधानमंत्री ने बुधवार (19 अक्टूबर 2022) को गाँधीनगर जिले के अडलाज शहर में गुजरात सरकार के ‘मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ पहल का शुभारंभ करने के बाद यह बात कही।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को बौद्धिक होने की निशानी माना जाता था, जबकि अंग्रेजी भाषा केवल संवाद का माध्यम है। उन्होंने कहा, “5जी सेवा स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट क्लासरूम और स्मार्ट शिक्षण से आगे जाएगी। यह हमारी शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर पर ले जाएगी।”

उन्होंने कहा, “हाल ही में देश ने 5G युग में प्रवेश किया है, हमने इंटरनेट की पहली जनरेशन से लेकर 4G तक की सेवाओं का उपयोग किया। अब देश में 5G बड़ा बदलाव लाने वाला है। आज 5G, स्मार्ट सुविधाएँ, स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट टीचिंग से आगे बढ़कर हमारी शिक्षा व्यवस्था को अगले स्तर पर ले जाएगा। अब वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत को भी स्कूलों में अनुभव किया जा सकेगा।”

पीएम मोदी ने कहा, “गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने गाँव-गाँव जाकर, सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का आग्रह किया था। परिणाम ये हुआ है कि आज गुजरात में करीब-करीब हर बेटा-बेटी स्कूल पहुँचने लगा है, स्कूल के बाद कॉलेज जाने लगा है।”

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि शिक्षा, पुरातन काल से ही भारत के विकास की धुरी रही है। उन्होंने कहा कि हम स्वभाव से ही ज्ञान के समर्थक रहे हैं और हमारे पूर्वजों ने ज्ञान एवं विज्ञान में पहचान बनाई है।

पीएम मोदी ने यह भी कहा, “बीते दो दशकों में गुजरात में शिक्षा के क्षेत्र में जो परिवर्तन आया है, वो अभूतपूर्व है। 20 साल पहले गुजरात में 100 में से 20 बच्चे स्कूल ही नहीं जाते थे और जो बच्चे जाते थे। उनमें से कई बच्चे आठवीं तक पहुँचते-पहुँचते स्कूल ही छोड़ देते थे। बेटियों की स्थिति तो और खराब थी। केंद्र सरकार ने पूरे देश में साढ़े 14 हजार से अधिक पीएम स्कूल बनाने का फैसला किया है। ये स्कूल पूरे देश में नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के लिए मॉडल स्कूल होंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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