दिल्ली में कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए अमित शाह ने खुद संभाला मोर्चा, जानिए कौन से हैं वो बड़े फैसले

अमित शाह (फाइल फोटो)

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। दिल्ली में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए खुद गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा सँभाला है। दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना वायरस संक्रमण और मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा रविवार (जून 14, 2020) सुबह एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई थी। 

मीटिंग में केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोरोना से लड़ाई में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया। करीब 1 घंटे 20 मिनट तक चली इस बैठक में महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे सरकारी इंतजामों की समीक्षा की गई। साथ ही आगे उठाए जाने वाले कदमों पर भी विचार किया गया।

गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग परिसर में दस हजार बेड क्षमता का कोविड केयर सेंटर बनकर लगभग तैयार है। आईटीबीपी ने 10,000 से अधिक बेड की क्षमता वाले कोविड-19 केंद्र की देखरेख का जिम्मा बुधवार (जून 24, 2020) को ही संभाल लिया था।

दिल्ली में कोरोना के बिगड़े हालात को संभालने के लिए अमित शाह ने 4 आईएएस अधिकारियों- अवनीश कुमार, मोनिका प्रियदर्शिनी, गौरव सिंह राजावत और विक्रम सिंह मलिक के COVID-19 के प्रबंधन में सहायता करने के लिए तुरंत दिल्ली में तबादले का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गृहमंत्री ने दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ IAS अधिकारियों एससीएल दास और एसएस यादव को केंद्र के साथ जुड़ने का निर्देश दिया। 

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दिल्ली में बढ़ते मरीज और घटते बेड की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत 500 रेलवे कोच दिल्ली को देने का निर्णय लिया। कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाई गई।

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गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुसार, 27 जून 2020 से दिल्ली में सीरोलॉजिकल सर्वे की शुरुआत हुई। दिल्ली कोराना की चपेट में किस हद तक आ चुकी है, इस सर्वे से पता चलेगा। इसमें अलग-अलग इलाकों के रैंडम सर्वे किए जाएँगे। रैंडम तरीके से घरों को चुनकर वहाँ रहने वाले लोगों के ब्लड सैंपल कलेक्ट करके उनका कोरोना टेस्ट होगा। 10 जुलाई तक दिल्ली में 20 हजार सैंपल लिए जाएँगे। इसके लिए खास किट टीम को सौंपी गई है। यह टीम डॉक्टर वी के पॉल कमिटी की सिफारिशों पर तैयार की गई है।

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सर्वे से एंटीबॉडीज की जाँच करके यह पता लगाया जाएगा कि दिल्ली में कौन-कौन से ऐसे इलाके हैं और ऐसी कितनी आबादी है, जहाँ लोगों को कोरोना हुआ, मगर वो अपने आप ठीक भी हो गए। इससे वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। अगर कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में आता है, लेकिन उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता है, तो ऐसे लोगों के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं, जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती हैं।

सोमवार (15 जून 2020) को शाह ने सर्वदलीय बैठक की। इसके बाद वे LNJP अस्पताल जाकर हालात का जायजा लिया। अस्पताल पहुँचे अमित शाह ने कॉन्फ्रेंस रूम में वरिष्ठ डॉक्टरों से मुलाकात की। इस दौरान डॉक्टरों ने शाह को अस्पताल में कोरोना मरीजों की संख्या, कोरोना से अभी तक होने वाली मौतें और दिल्ली से बाहर के कोरोना मरीजों की अस्पताल में संख्या के बारे में अवगत कराया। वहीं अमित शाह ने डॉक्टरों से कोरोना वायरस से होने वाली मौत और उनके ठीक होने की दर के बारे में जानकारी ली

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इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह को पता चला कि टेस्टिंग कम हो रही है और रिजल्ट भी देरी से आता है। उनकी पहल पर दिल्ली में कुल 169 रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्टिंग सेंटर शुरू हुए हैं। ये सेंटर आधे घंटे में नतीजे देते हैं। अब दिल्ली में तीन गुना टेस्टिंग शुरू हुई है। गृह मंत्री ने बताया कि घर-घर स्वास्थ्य सर्वे भी 30 जून को पूरा हो जाएगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया