जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने एक साल के कार्यकाल को पूरा करके हाल ही में गोवा में राज्यपाल का पद संभाला। उनके 2018-2019 के कार्यकाल में ही जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का पावर खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। अपने एक साल के सफर को वे बेहद अच्छा मानते हैं और कहते हैं कि उन्होंने कश्मीर पर कई किताबें पढ़ी थी, दिल्ली में बैठे लोगों को सुना था लेकिन उन्होंने कश्मीर को असल में जैसा पाया वो बिलकुल अलग है। उनके मुताबिक कश्मीर के लिए सबसे बड़ा खतरा जमात है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में बतौर राज्यपाल 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्यपाल मलिक ने आजतक से बात की। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि कश्मीर के लिए सबसे बड़ा खतरा जमात है, जो वहाबी सीख देती है। उन्होंने कहा कि ये एक खतरनाक संस्था है, जिससे प्रभावित होकर लोग कश्मीर में हर जगह फैले हुए हैं।
इस बातचीत में मलिक ने बताया कि जमात के 20 प्रतिशत लोग सचिवालय में हैं, अध्यापक हैं, यहाँ तक पीडीपी पार्टी भी इसी जमात की विचारधारा की पार्टी है। जिसके कारण उन्हें लगता है कि महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनाने के नतीजे वे अब तक भुगत रहे हैं। उनका कहना है कि कश्मीर का युवा पढ-लिखकर आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन कुछ लोग हैं जो स्थिति खराब कर रहे हैं। उनके अनुसार कश्मीर के युवा बहुत प्रतिभाशाली है।
सत्यपाल मलिक ने इस बातचीत में नेताओं और जनता की नाराजगी के बीच फर्क बताते हुए कहा कि दोनों के सवाल अलग हैं। चूँकि, नेताओं ने बहुत करप्शन किया इसलिए लोग मानते हैं कि कश्मीर की बर्बादी के लिए नेता ही जिम्मेदार हैं। उनके भीतर आर्टिकल 370 को लेकर रिएक्शन नहीं हैं। लेकिन हाँ थोड़ी नाराजगी केंद्र शासित राज्य होने से हैं, पर वह भी स्थाई नहीं है।
यूरोपियन यूनियन सासंदों के कश्मीर दौरे पर आजतक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मालूम था कश्मीर पर उनका पक्ष मजबूत हैं। नतीजतन डेलीगेशन आया और उन्होंने सबकुछ ठीक बताया।
इस दौरान मलिक ने राहुल गाँधी को कश्मीर न जाने देने की बात पर भी जवाब दिया। उन्होंने पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या राहुल किसी के रिश्तेदार हैं, जो सबसे मिलना चाहते हैं। उन्हें वहाँ सिर्फ़ इसलिए नहीं जाने दिया गया क्योंकि ये लोग वहाँ जाते हैं और वापस लौटकर कश्मीर के बारे में झूठ बोलते हैं।