केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (दिसंबर 2, 2019) को झारखंड के चक्रधरपुर में सभा को संबोधित किया। उन्होंने राम मंदिर के मसले पर कॉन्ग्रेस को घेरते हुए कहा कि वह राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई को लटकाना चाहती थी। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पॉंच चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 30 नवंबर को 13 सीटों पर वोट डाले गए थे। दूसरे चरण का मतदान सात दिसंबर को है। भाजपा फिर से सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त दिख रही है।
चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “कॉन्ग्रेस ने अयोध्या मामले में अड़चनें पैदा की। कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल सर्वोच्च अदालत में जाकर कहते हैं कि राम जन्मभूमि का केस चलाने की जरूरत नहीं है। जल्दबाजी मत करो। मगर जनता ने पीएम मोदी को चुना और हमने कोर्ट से आग्रह किया कि केस जल्दी चलना चाहिए और अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट के फैसले से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और अब वहाँ आसमान छूने वाला भव्य मंदिर बनेगा।”
आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि झारखंड भी चाहता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हो। झारखंड भी आतंकवाद और नक्सलवाद से छुटकारा चाहता है। चाहता है कि अयोध्या में रामलला का मंदिर बने। उन्होंने बीजेपी सरकार के कामों को गिनाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने देवघर में AIIMS बनाया। देवघर, बोकारो, दुमका और जमशेदपुर में एयरपोर्ट बनाए। राँची में कैंसर अस्पताल बनाया। हजारीबाग-पलामू और दुमका में मेडिकल कॉलेज बनाए और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 20 लाख किसानों को लाभ पहुँचाने का काम किया।
साथ ही अमित शाह ने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को झारखंड के विकास पर बहस की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि पिछले पाँच सालों में झारखंड में रघुवर दास के शासनकाल में न कोई घोटाला हुआ और न उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कोई आरोप लगे। राहुल गाँधी की सोमवार को झारखंड के सिमडेगा में हुई चुनावी सभा का ज़िक्र करते हुए शाह ने कहा, “राहुल गाँधी यहाँ पर हैं, मैं आज उनको चैलेंज देने आया हूँ कि राहुल बाबा आपके 55 साल का शासन और हमारे पाँच साल का शासन का हिसाब लेकर मैदान में आ जाओ।”
अमित शाह ने विपक्ष के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता हेमंत सोरेन को भी आड़े हाथ लिया। शाह ने कहा, “जब झारखंड राज्य के लिए आंदोलन चल रहा था तो उस समय यहाँ के युवाओं पर कॉन्ग्रेस पार्टी ने गोलियाँ और डंडे चलवाए थे। कॉन्ग्रेस झारखंड बनने का विरोध करती थी और आज हेमंत सोरेन उसी कॉन्ग्रेस पार्टी की गोद में बैठकर मुख्यमंत्री बनने के लिए निकले हैं।”
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि जो पार्टियाँ टिकट बाँटने में खरीद-फरोख्त करती हैं, आदिवासियों का शोषण करती हैं, भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं उनको वोट देकर झारखंड का विकास नहीं हो सकता।