सोनिया सेना बन चुकी है बाल ठाकरे की शिवसेना, घर तोड़ने वाले गुंडे थे… सिविक बॉडी मत बोलो उन्हें: कंगना रनौत

कंगना ने कहा कि शिवसेना बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा को भूल चुकी

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने बीएमसी द्वारा की गई इस ‘गुंडागर्दी’ को ट्वीट में ‘शिवसेना’ को ‘सोनिया सेना’ बताया है। कंगना रनौत ने कहा कि शिवसेना ने राजनीति के लिए बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया।

बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) ने बुधवार (सितम्बर 09, 2020) को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के पाली हिल स्थित कार्यालय को ध्वस्त कर दिया। बीएमसी की इस कार्रवाई को कंगना ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

कंगना रनौत ने बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ की अगली सुबह बृहस्पतिवार (सितम्बर 10, 2020) अपने ट्वीट में लिखा, “जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुकी है, जिन गुंडों ने मेरे पीछे मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।”

https://twitter.com/KanganaTeam/status/1303902295743062017?ref_src=twsrc%5Etfw

बीएमसी टीम ने कल सुबह 11 बजे कंगना के ऑफिस में तोड़फोड़ शुरू की और दो घंटे के भीतर कीमती संपत्ति को बर्बाद कर दिया। कंगना के वकील, रिजवान सिद्दीकी ने सुबह एक याचिका दायर कर अदालत से 11:30 बजे तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया। अदालत ने याचिका का नोटिस लिया और सुनवाई दोपहर 12:30 बजे के लिए निर्धारित की।

‘मुंबई मिरर’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जब अदालत की सुनवाई शुरू हुई, तो यह पता चला कि बीएमसी ने अदालत से अनुरोध करते हुए एक कैविएट दायर की थी कि वह केस के पक्ष को सुने बिना कंगना को कोई राहत न दे।

सुनवाई के दौरान बीएमसी की वकील ने कहा कि उन्हें तोड़फोड़ की कोई जानकारी नहीं

कैविएट एक दिन पहले ही मंगलवार को दायर किया गया था। इसके अलावा, अदालत में पेश हुए बीएमसी वकील ने कहा कि उनके पास इस मामले के बारे में कुछ भी पता नहीं और इससे एक दिन पहले कंगना को भेजे गए नोटिस के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। यह बयान तब दिया गया, जब कंगना रनौत के ऑफिस में BMC की तोड़फोड़ जारी थी।

जब अदालत ने वकील से बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल को फोन करके उन्हें तोड़फोड़ को रोकने के लिए कहा, तो वकील ने कहा कि उनका संदेश चहल तक पहुँच गया है या नहीं, वह स्पष्ट रूप से नहीं बता सकतीं। जब अदालत के एक सहयोगी ने उसे फोन करने की कोशिश की, तो उसका फोन बंद मिला। उसके दस मिनट के भीतर, बीएमसी वकील ने अदालत को बताया कि तोड़फोड़ को रोकने का उनका संदेश पहुँच चुका है।

अंत में, न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और आरआई छागला की खंडपीठ ने बीएमसी के खिलाफ अभिनेत्री कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नागरिक निकाय ने सुनवाई में जानबूझकर देरी की, ताकि यह संपत्ति को ध्वस्त कर सके।

अपने बचाव में, बीएमसी ने इस तोड़फोड़ को अंजाम देने में शिवसेना या किसी अन्य राजनीतिक दल के प्रभाव में होने से इनकार किया। इसमें कहा गया है कि बीएमसी ने वही किया है, जो विभाग को शहर में अवैध निर्माणों पर करना है। यह भी कहा कि उन्होंने पूरी संपत्ति को नहीं गिराया है, लेकिन सिर्फ ‘बढ़ाई गई दीवारें, पार्टीशन और शौचालय स्लैब’ तोड़े गए हैं।

इस तोड़फोड़ पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे गलत इरादे से की गई कार्रवाई बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि इस तरह के काम किए गए तो यह शहर रहने लायक नहीं रह जाएगा। यहाँ तक कि एनसीपी नेता शरद पवार ने भी इस कार्रवाई को गैरजरूरी बताया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया