अधिकारियों को डराने के लिए 4-5 गुंडे साथ लेकर जाएँ: कार्यकर्ताओं से महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस अध्यक्ष

बाला साहेब थोराट (फाइल फोटो)

बाला साहेब थोराट महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष हैं। राज्य की उद्धव सरकार में मंत्री भी। वो कोरोना वायरस के कारण पैदा हालात की समीक्षा करने सोलापुर पहुॅंचे। यहॉं उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को अधिकारियों के साथ सख्ती से पेश आने को कहा। इसके लिए अपने साथ 4-5 गुंडे लेकर चलने का सुझाव दिया।

थोराट ने कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “सरकारी अधिकारियों को हमसे डरना चाहिए। प्रशासन पर हमारी पकड़ होनी चाहिए। इस डर को मन में बैठाने के लिए अपने साथ 4-5 लोगों को ले जाएँ।”

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थोराट से पहले, बैठक में मौजूद कॉन्ग्रेस विधायक यशोमति ठाकुर ने भी इसी तरह की विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपने संबोधन में, अधिकारियों से निपटने के दौरान कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को अत्यधिक आक्रामक होने के लिए कहा।

यशोमति ठाकुर ने कहा, “अगर आपका काम पूरा नहीं हो रहा है, तो हंगामा करें। अनुरोध की भाषा कोई नहीं समझता। आपको इसे छीनने का अधिकार मिला है। हर नेता को अपने तालुका का ध्यान रखना होगा। आपकी तरफ से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए। हम आपका समर्थन करेंगे।”

इस बैठक में महिला और बाल विकास मंत्री, यशोमति ठाकुर, मंत्री दत्तात्रेय भारें, कलेक्टर मिलिंद शंभरकर, पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे, नगर आयुक्त पी शिवशंकर, जिला पुलिस अधीक्षक मनोज पाटिल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश वैचल उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान बालासाहेब थोराट ने यह भी कहा कि राज्य कोरोना महामारी के प्रकोप से गुजर रहा है और विदेशी नागरिकों के कारण इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हालाँकि मुंबई में कोरोना वायरस के प्रसार में सुधार है, लेकिन यह राज्य के अन्य क्षेत्रों में बढ़ रहा है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार में मतभेद के संकेत देते हुए थोराट ने कहा था, “महाविकास अघाड़ी के सहयोगियों में कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान बातचीत से निकल आएगा। लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस को सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिकार मिलना चाहिए।”

इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा था कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में निर्णय लेने की भूमिका में नहीं है। उन्होंने कहा था कि सरकार चलाने और राज्य में सरकार का समर्थन करने के बीच अंतर है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में निर्णय लेने वाली भूमिका में माना जा सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया