कॉन्गेस नेता ने कहा- शिवसेना का हो सकता है CM, पवार बोले- मुझे नहीं पता

शरद पवार (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में तेज़ी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच अब सरकार गठन की ज़िम्मेदारी राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) पर आ गई है। NCP को आज शाम साढ़े आठ बजे तक का वक्त दिया गया है। फ़िलहाल, NCP और कॉन्ग्रेस ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है।

इस बीच, महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेता कगडा चंड्या पडवी (केसी पडवी) का बयान आया है कि बातचीत की प्रक्रिया चल रही है। इसका अंत सुखद होगा। उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि तीनों पार्टियाँ (शिवसेना-कॉन्ग्रेस-NCP) सरकार का गठन करेंगी और शिवसेना का नेता मुख्यमंत्री होगा।”

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वहीं, NCP अध्यक्ष शरद पवार से जब पूछा गया कि क्या कॉन्ग्रेस और NCP के बीच कोई बैठक होनी है तो उन्होंने कहा, “कौन कहता है कि कोई बैठक है? मुझे नहीं पता।”

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इससे पहले, NCP नेता अजीत पवार राज्यपाल से मुलाक़ात कर चुके हैं। मुलाक़ात के बाद उन्होंने कहा था कि NCP, कॉन्ग्रेस और शिवसेना अगर मिल जाएँ तो राज्य में सरकार बनाई जा सकती है।

इससे पहले मीडिया के सामने बहुमत का दावा करने के वाली शिवसेना ने सोमवार शाम को राज्यपाल से 3 दिनों का अतिरिक्त वक़्त माँगा था। आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में राजभवन पहुँचे शिवसेना नेताओं को राज्यपाल ने अतिरिक्त वक़्त देने से इनकार कर दिया। शिवसेना बहुमत के लिए ज़रूरी विधायकों के समर्थन का पत्र नहीं दे पाई।

इसके अलावा, NCP नेता जयंत पाटिल ने कहा था कि NCP नेताओं ने राज्यपाल से है कहा कि वो अपने साथी दलों से बात करउन्हें जवाब देंगे। सोमवार को उद्धव ठाकरे और शरद पवार की मुलाक़ात भी हुई थी। उद्धव की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से भी फोन पर बात हुई। लेकिन, शिवसेना को समर्थन पत्र हासिल करने में कामयाबी नहीं मिल पाई।

उधर, भाजपा की भी कोर टीम की बैठक हुई। बैठक ख़त्म होने के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि उनकी पार्टी अभी ‘वेट एंड वाच’ की रणनीति पर काम कर रही है। इस बैठक में महाराष्ट्र के ताज़ा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा हुई।

ग़ौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, कॉन्ग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली है। भाजपा-शिवसेना और कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन, नतीजों के बाद शिवसेना ढाई साल के लिए सीएम का पद मॉंग रही थी जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया। रविवार को भाजपा ने गवर्नर से कहा कि वह सरकार नहीं बनाएगी। इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को न्योता दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया