अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है, वे लौट आएँगे: शिवसेना सांसद संजय राउत सामना में करेंगे खुलासा

अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है : संजय राउत

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर शनिवार (23 नवंबर) की सुबह हुआ, वो भारतीय राजनीति की अब तक की शायद सबसे अप्रत्याशित घटना है। पिछले कई दिनों से शिवसेना-कॉन्ग्रेस और NCP नेताओं की बैठक चल रही थी। शुक्रवार (22 नवंबर) देर रात तक तीनों पार्टियों के बीच मंत्रालयों के बँटवारे को लेकर बातचीत हो रही थी, लेकिन शनिवार की सुबह सब धरा का धरा ही रह गया।

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन और ताजा घटनाक्रम को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। राउत ने कहा कि अजित पवार की भी वापसी की संभावना है। उन्होंने कहा कि अजित पवार को ब्लैकमेल किया गया है। राउत ने कहा कि जिसने भी यह काम किया है, उसके बारे में जल्द ही शिवसेना के मुखपत्र सामना में खुलासा किया जाएगा।

संजय राउत ने कहा, “हम धनंजय मुंडे के सम्पर्क में हैं और अजित पवार के वापस आने की भी संभावना है। अजित को ब्लैकमेल किया गया है, इसके पीछे कौन है जल्द ही सामना अख़बार में ख़ुलासा किया जाएगा।” एनसीपी के विधायक धनंजय मुंडे भाजपा नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं। इस बार चुनाव में उन्होंने मुंडे की बेटी और फड़णवीस सरकार में मंत्री रहीं पंकजा मुंडे को हराया था।

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इससे पहले, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ”अजित पवार के साथ गए आठ विधायकों में से पाँच वापस आ गए हैं। उनसे भी झूठ बोला गया और इस तरह कार में बैठाया गया जैसे किसी को अगवा किया जाता है। अगर हिम्मत है तो विधानसभा में बहुमत साबित करके दिखाएँ।”

वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

”जो खेल चल रहा है, उसे पूरा देश देख रहा है। पहले ईवीएम खेल चल रहा था और अब यह नया खेल चल रहा है। इसके बाद से मुझे नहीं लगता कि चुनावों की भी जरूरत है। हमने जनादेश का सम्मान किया, हम जो भी करते हैं खुलेआम करते हैं। राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए सुबह-सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी, ऐसी जानकारी मिली है। संविधान के अनुसार काम होना चाहिए। मुझे कोई चिंता नहीं, मेरे साथ पहले भी ऐसा हुआ है। इन लोगों ने बिहार, हरियाणा में भी यही किया। वो लोगों को तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं।”

इस दौरान शरद पवार ने शिवसेना, कॉन्ग्रेस और NCP के बारे में बात करते हुए कहा कि तीनों दलों ने सरकार बनाने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा, ”मुझे कुछ लोगों ने सुबह बताया कि हमें यहाँ लाया गया है, वे शायद राजभवन की बात कर रहे थे। अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने का अचानक पता चला। एनसीपी का जो भी प्रमाणिक कार्यकर्ता है, वह उनके (अजित पवार) के साथ नहीं जाएगा। अजित पवार ने खुद समर्थन का फैसला लिया। अजित पवार का फैसला पार्टी लाइन के खिलाफ है। यह अनुशासन तोड़ने वाला है। एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं है।”

ग़ौरतलब है कि 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी और किसके साथ सरकार बनेगी, इस पर लंबे समय से सियासी दाँव-पेंच का खेल चल रहा था। लेकिन, आज सुबह एकाएक बदलते राजनीतिक समीकरणों के चलते इस पर विराम लग गया। अंतत: देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने क्रमश: मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए राज्य को नई सरकार दी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया