‘10000 मुस्लिमों ने बेलदांगा में BDO का दफ्तर घेरा, लगाई आग, पत्नी ने किसी तरह बचाई जान’

मुर्शिदाबाद में मुस्लिमों का उग्र प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन की आग असम में शुरू होकर पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल तक फैल गया है। एक ओर शुक्रवार (दिसंबर 13, 2019) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में CAB लागू नहीं होने की घोषणा की, तो दूसरी ओर मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन में आग लगाने और उलबेड़िया में हावड़ा-खड़गपुर हावड़ा-खड़गपुर सेक्शन में अप और डाउन ट्रेनों का रास्ता रोकने की घटना हुई है। बता दें कि मुर्शिदाबाद बांग्लादेश से सटा एक जिला है। जहाँ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कट्टरपंथियों ने उग्र प्रदर्शन किया।

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भाजपा ने पूरी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग की है। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी पूरे बंगाल में आराजकता की स्थिति पैदा करना चाहती हैं। उनके बयान के बाद और जुम्मे की नमाज के बाद भीड़ ने बीरभूम, मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशनों पर आगजनी की। वे टायर जला कर नेशनल हाइवे जाम कर रहे हैं। पुलिस इन स्थानों पर मूकदर्शक बनी हुई है। सीएम के इशारों पर आगजनी की घटना हो रही है।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि CAB के विरोध में जो हिंसा, आगजनी और अराजकता हुई उसके पीछे ममता बनर्जी का गैर-जिम्मेदाराना बयान है। उन्होंने घुसपैठियों को भड़काकर नए संशोधन का विरोध किया और राज्य में हिंसा फैलाई। राज्य की जनता सब देख और समझ रही है। समय आने पर इसका जवाब भी देगी।

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इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट के माध्यम से कैलाश विजयवर्गीय ने एक सरकारी अधिकारी के ऑफिस को 10,000 मुस्लिमों द्वारा घेरकर जला देने की बात कही। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “ममता राज में सरकारी अधिकारी इस हाल में हैं। बेलडांगा (मुर्शिदाबाद) के विकासखंड अधिकारी सरकारी काम से सिलीगुड़ी गए थे, तब उनके ऑफिस को 10,000 मुस्लिमों की भीड़ ने घेर लिया और आग लगा दी। उनकी पत्नी ने किसी तरह जान बचाई। जब अधिकारियों के ये हाल हैं,तो जनता की बेबसी समझी जा सकती है।”

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बता दें कि मुर्शिदाबाद जिले में संशोधित नागरिकता विधेयक का विरोध कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को बेलडांगा स्टेशन में आग लगा दी और वहाँ तैनात आरपीएफ कर्मियों के साथ मारपीट की। ट्रेन की बोगी को भी फूँक दिया। जिले में कई अल्पसंख्यक संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। एक वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारी ने बताया, “उग्र मुस्लिम प्रदर्शनकारी अचानक रेलवे स्टेशन के परिसर में आ घुसे और उन्होंने प्लेटफार्म, दो तीन मंजिले भवनों और रेलवे कार्यालयों में आग लगा दी। जब आरपीएफ कर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तब उन्हें भी बुरी तरह पीटा गया।” उन्होंने यह भी कहा कि इस विरोध प्रदर्शन से ट्रेन सेवाएँ थम गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया