प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर शुक्रवार (26 नवंबर) को संसद भवन में एक सभा को संबोधित करते हुए कॉन्ग्रेस को कठघड़े में खड़ा किया। प्रधानमंत्री ने परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए परोक्ष रूप से कॉन्ग्रेस को ‘पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाय द फैमिली’ बताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई पार्टी एक परिवार द्वारा कई पीढ़ियों तक चलाई जाती है तो यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। संविधान बनाने वालों ने देशहित को सबसे ऊपर रखा, लेकिन समय के साथ राजनीति में देशहित पीछे छूट गया। वहीं, इस कार्यक्रम का विपक्ष दलों ने बहिष्कार किया।
पीएम मोदी ने कहा, “लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वाले लोगों के लिए चिंता का एक विषय है और वो हैं पारिवारिक पार्टियाँ। राजनीतिक दल ‘पार्टी फॉर द फैमिली, ‘पार्टी बाय द फैमिली’… अब आगे कहने की मुझे जरूरत नहीं लगती है। ये संवैधानिक भावना के खिलाफ है, संविधान के विपरीत है। एक पार्टी जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार चलाता रहे, पार्टी की सारी व्यवस्था परिवारों के पास रहे, वो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा संकट होता है।”
Addressing the programme to mark Constitution Day in Central Hall. https://t.co/xmMbNn6zPV
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गाँधी ने कर्तव्य के जो बीज बोए थे, आजादी के बाद वह वटवृक्ष बन जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने आगे कहा, “चिंता तब होती है जब न्यायपालिका ने किसी को भ्रष्टाचार के लिए घोषित कर दिया है, भ्रष्टाचार के लिए उसे सजा हो चुकी है, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के कारण उसका भी महिमामंडन चलता रहे, राजनीतिक लाभ के लिए सारी मर्यादाओं को तोड़कर, लोक-लाज को छोड़कर उनके साथ बैठना-उठना शुरू हो जाता है तो देश के नौजवान के मन में लगता है कि भ्रष्टाचार के रास्ते पर चलना बुरा नहीं है। उन्हें रास्ता मिल जाता है। क्या हमें ऐसी समाज व्यवस्था खड़ी करनी है?”
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आजाद होने के बाद 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू करनी चाहिए थी। इससे आने वाली पीढ़ियाँ जानती कि संविधान बना कैसे, किसने बनाया, क्यों बनाया। यह विविधता भरे इस देश में ताकत और अवसर के रूप में काम आता, लेकिन कुछ लोग इससे चूक गए।
संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गाँधी जैसे सेनानियों को नमन किया। मुंबई हमले को याद करते हुए उन्होंने कहा, “आज 26/11 का वो दुखद दिन है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के अनेक हमारे वीर जवानों ने उन आतंकवादियों से लोहा लेते-लेते अपने आपको समर्पित कर सर्वोच्च बलिदान किया। मैं आज उन सभी बलिदानियों को नमन करता हूँ।”
वहीं, संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम का देश की 14 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया। इनमें शिव सेना, राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआई, सीपीएम, आईयूएमएल और डीएमके शामिल हैं। दरअसल, कॉन्ग्रेस और तृणमूल कॉन्ग्रेस ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। इसके बाद कॉन्ग्रेस की अपील पर बाकी पार्टियों ने इसका बहिष्कार किया।