उद्धव और पावर की बैठक ख़त्म होते ही संजय राउत की तबीयत बिगड़ी, हॉस्पिटल में भर्ती

संजय राउत महाराष्ट्र चुनाव नतीजों के बाद से लगातार सुर्ख़ियों में हैं

महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए चल रही सरगर्मियों के बीच शिवसेना नेता संजय राउत की तबीयत बिगड़ जाने के कारण उन्हें मुंबई के लीलावती असपताल में भर्ती किया गया है। संजय राउत राज्य में चुनाव नतीजों के आने के बाद से लगातार सुर्ख़ियों में हैं। उनके बयानों को ठाकरे परिवार का ही शब्द माना जाता है। सोमवार (नवंबर 11, 2019) को शाम 5 बजे शिवसेना की बैठक भी होने वाली है, ऐसे में पार्टी मुखपत्र सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत की तबीयत अचानक से ख़राब हो जाना पार्टी के लिए चिंता का विषय हो सकता है। राउत को किन कारणों से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।

संजय राउत के भाई सुनील राउत ने कहा है कि ये बस रूटीन चेकअप है। हालाँकि, उन्होंने यह भी बताया कि वो आज लीलावती हॉस्पिटल में ही भर्ती रहेंगे। ख़बरों के अनुसार, राज्यसभा सांसद संजय राउत को मंगलवार को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया जाएगा। कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें पैर में जोर का दर्द के कारण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और वो अगले 3 दिनों तक भर्ती रहेंगे। कुछ ख़बरों में उनके सीने में दर्द की शिकायत की बात कही गई है।

मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविन्द सावंत ने सुबह इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी अब राजग का साथ छोड़ कर कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना सकती है। एनसीपी ने कहा है कि कॉन्ग्रेस से विचार करने के बाद ही आगे का फ़ैसला लिया जाएगा, जबकि कॉन्ग्रेस के विधायकों ने शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने की इच्छा पार्टी आलाकमान तक पहुँचा दी है। अरविन्द सावंत ने कहा है कि आदित्य ठाकरे एक बहुत अच्छे नेता हैं, क्योंकि वो यूट्यूब पर अच्छा बोलते हैं।

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कॉन्ग्रेस के सभी विधायक जयपुर में एक रिसॉर्ट में रुके हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेतागण वहीं पर नव-निर्वाचित विधायकों के साथ लगातार मंत्रणा कर रहे हैं। अभी उद्धव ठाकरे कॉन्ग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वो आगे की रणनीति तैयार करेंगे। राज्यपाल द्वारा शिवसेना को सरकार गठन के लिए दी गई समयसीमा आज शाम को ख़त्म हो जाएगी। इसीलिए, उद्धव ने आज ख़ुद शरद पवार से मुलाक़ात की।

कहा जा रहा है कि जब प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में मातोश्री गए थे, तब उनके साथ शरद पवार ही थे। इसीलिए, पुराने सम्बन्ध होने के कारण पवार और ठाकरे के बीच समझौते में दिक्कत आने की सम्भावना कम ही है।

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ताज़ा घटनाक्रम को देख कर लगता है कि अब शिवसेना और एनसीपी, दोनों ही दलों की निगाहें कॉन्ग्रेस की तरफ ही हैं। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि किसानों की दुर्दशा को देखते हुए जनता को वैकल्पिक व्यवस्था देने का काम किया जाएगा। उन्होंने भी कहा कि उन्हें कॉन्ग्रेस की प्रतिक्रिया का इन्तजार है। शिवसेना समर्थकों ने कई पोस्टर चिपका कर उद्धव को अगला सीएम बनाने की माँग की है। बता दें कि पहले ऐसे ही पोस्टर आदित्य को लेकर लगे हुए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया