‘भारतीय छात्रों को एंट्री नहीं दे रहा पोलैंड’: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच शिवसेना MP प्रियंका चतुर्वेदी का दावा, राजदूत ने कहा- फेक न्यूज न फैलाएँ

प्रियंका चतुर्वेदी ट्विटर पर भिड़ीं पोलैंड राजदूत से

यूक्रेन-रूस के बीच चल रही जंग के कारण भारत सरकार अपने सभी नागरिकों को यूक्रेन से जल्द से जल्द निकालने में प्रयासरत है। इस बीच शिवसेना की महिला नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने 28 फरवरी को ट्वीट करके दावा किया कि उन्हें मालूम चला है कि भारतीयों को पोलैंड की सीमा में घुसने नहीं दिया जा रहा है। वहीं पोलैंड राजदूत ने कहा है कि प्रियंका द्वारा किया गया दावा फर्जी है। पोलैंड की सरकार ने किसी भारतीय को वहाँ आने से नहीं रोका।

बता दें कि 28 फरवरी 2022 को देर रात प्रियंका ने अपने ट्विटर हैंडल पर इंडियन पोलैंड के ट्विटर को टैग करते हुए लिखा, “कई भारतीय छात्रों को पोलैंड में आने से मना कर दिया गया। जिन्हें कल बुलाया गया था उन्हें भी वापस भेज दिया गया। उन बच्चों के माता-पिता घबराए हुए हैं। ऑपरेशन गंगा, विदेश मंत्रालय आपके हस्तक्षेप की जरूरत है।”

प्रियंका के इस ट्वीट के कुछ देर बाद भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुरोकोवस्की (Adam Burakowski) का रिप्लाई आया। एडम ने दावा किया कि प्रियंका की बातों में सच्चाई नहीं है। पोलैंड की सरकार ने किसी को भी अपनी सीमा में आने से नहीं रोका है। प्रियंका को नसीहत देते हुए पोलैंड के राजदूत ने उन्हें उनके सूत्र चेक करने को कहे और अपील की कि वो ऐसे समय में झूठ फैलाने का काम न करें।

पोलैंड राजदूत के ट्वीट के बाद प्रियंका ने भी इस पर जवाब दिया। उन्होंने दावा किया कि जैसा पोलैंड के राजदूत कह रहे हैं उन्हें वैसा नहीं पता चला है। दुर्भाग्यवश उनकी बातों को फेक न्यूज बताया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मुझे उन बच्चों का नंबर और नाम साझा करते हए खुशी होगी जो वहाँ फँसे हुए हैं। और, मैं इस चीज को सराहूँगी अगर आप फेक न्यूज का रोना छोड़कर उन बच्चों तक पहुँचने का प्रयास करेंगे।”

प्रियंका चतुर्वेदी के दावे के बाद पोलैंड राजदूत ने फिर बताया कि वो इस बात को लेकर आश्वास्त हैं कि ऐसा नहीं हुआ है। लेकिन अगर वो कह रही हैं तो उन बच्चों की लिस्ट ट्विटर पर न देकर इंडियन पोलैंड को भेजें जो इस मामले में कॉर्डिनेट कर रहे हैं और इस मामले में मदद कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वो लोग लगातार पोलैंड में भारतीयों से संपर्क में हैं।

बता दें कि यूक्रेन से भारतीयों को पोलैंड के जरिए निकालने के संबंध में प्रियंका ने तब ऐसे दावे किए हैं जब एक दिन पूर्व ही (27 फरवरी) भारतीय दूतावास से भी इसी मामले में नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में साफ लिखा था कि शेहनी पर 10 बसें सीमा पर तैनात की गई हैं। ये बसें 28 फरवरी से ऑपरेट होंगीं और अन्य चेक प्वाइंट ktakowiec और Budomierz तक जाएँगी। इसके बाद रहने का इंतजाम पोलैंड की Rszeszow एबेंसी में किया जाएगा। इससे शेहनी में भीड़ कम होगी और भारतीयों को ठंड से थोड़ा ठीक माहौल मिलेगा। ये मालूम रहे कि ये बस केवल उनके लिए जो शेहनी सीमा पर हैं न कि उनके लिए जो Lviv और आसपास शहरों में हैं। वहाँ रहने वाले लोगों से अपील है कि वो वहीं रुके जब शेहनी सीमा की भीड़ कम नहीं होती। ये सुविधा भारतीय सरकार भारतीयों को मुफ्त में देगी।

एंबेसी द्वारा 27 फरवरी को जारी बयान में कुछ नंबर देते हुए भारतीयों को कहा गया है कि वो बसों में सीट पाने के लिए इन नंबरों पर कॉल करें। अगर किसी कारण से उन्हें सीट नहीं मिलती तो वो घबराए नहीं। ये पूरा ऑपरेशन तब तक चलेगा जब तक कि हर कोई सुरक्षित नहीं आ जाता। दूतावास की ओर से हर यूक्रेन में रहने वाली भारतीय से सहयोग की अपील की गई ताकि उन्हें बाहर निकाला जा सके।

इस बयान को नजरअंदाज करते हुए और पोलैंड राजदूत के रिप्लाई से आहत शिवसेना नेत्री प्रियंका अपने ही ट्वीट के थ्रेड में एडम पर भड़क गईं। उन्होंने ट्विटर यूजर्स के खुद के ऊपर से फेक न्यूज पेडलर का टैग हटाने के लिए सफाई दी और कहा कि उन्हें बेवजह फेकन्यूज फैलाने वाली कहा गया है जबकि हकीकत में उन्होंने इस बारे में एडम से पूछा भी नहीं। प्रियंका ने लिखा, “तुमने मुझे फेक न्यूज फैलाने वाला कहा जबकि मैंने तुम्हें टैग तक नहीं किया। मैंने इंडियन पोलैंड को ही मदद के लिए बोला था और इसे फेक न्यूज कहने लगे। तुम्हारे आरोपों का आधार क्या है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया