सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में अब रामलला के मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। न्यायालय के आदेशानुसार केंद्र सरकार को 3 महीने में राममंदिर के लिए ट्रस्ट बनाना है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द इस पर काम पूरा करके मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर सकती है। इस बीच खबर आई है विश्व हिंदू परिषद चाहती है कि मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हों।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बुधवार को ट्रस्ट निर्माण पर अपनी बात रखते हुए कहा, “हमें लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस ट्रस्ट में शामिल करना चाहिए। राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सोमनाथ ट्रस्ट की तर्ज पर होना चाहिए।” उन्होंने बताया कि आजादी के बाद केएम मुंशी भी केंद्रीय मंत्री रहते हुए सोमनाथ ट्रस्ट से जुड़े थे।
VHP has suggested that Home Minister Amit Shah and Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath be included in the trust that will monitor the construction of the Ram Temple. https://t.co/jrzlb5jwm9
— News18.com (@news18dotcom) November 13, 2019
उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण रामजन्मभूमि न्यास द्वारा तैयार डिजाइन के अनुसार ही करेगा और ट्रस्ट में न्यास का भी प्रतिनिधित्व रहेगा। उन्होंने जानकारी दी कि राम मंदिर के लिए करीब 65 प्रतिशत नक्काशी का कार्य पूरा हो चुका है और न्यास के डिजाइन के अनुसार मंदिर के भूतल के लिए आवश्यक खंड भी तैयार है। उनके अनुसार 4 महीने पहले तक इस पर तेजी से तक काम चल रहा था, लेकिन फिलहाल ये रुका हुआ है।
यहाँ बता दें न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में 1990 से कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चला रहा है। इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ, कि जब भी रामलला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा। इस कार्यशाला के प्रभारी 79 वर्षीय अन्नू भाई सोमपुरा ने बताया कि रामजन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा। जिसमें कुल 212 खंभे होंगे।