घर में BJP कैंडिडेट की लाश, बाहर पेड़ से लटके थे पति: दीया जलाने पर TMC ने कही थी निशान बनाने की बात

बंगाल में अपने ही घर में मृत मिली बीजेपी नेता, पेड़ से लटके मिले पति

शकुंतला हलदर को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवार घोषित कर रखा था। लेकिन, 7 अप्रैल को अपने ही घर में वह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिलीं। उनका शव घर के भीतर बिस्तर पर पड़ा था। उनके पति चंद्र हलदर घर के पिछले हिस्से में आम के पेड़ से लटके मिले। घटना कुलताली के कनकासा गॉंव की है।

हत्या का आरोप सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों पर लग रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि हत्या के बाद टीएमसी के गुंडों ने घर में घुसकर मृतक दंपती के बच्चों को भी धमकाया। इन बच्चों में से एक की उम्र करीब 16 साल तो दूसरे की 11 साल है। बंगाल बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से बताया है कि पंचायत चुनावों के लिए बीजेपी उम्मीदवार शकुंतला हलदर और उनके पति चंद्र हलदर की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है। जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ने में जुटी है पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला जारी है।

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इस घटना को 5 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए घरों की बत्ती बुझाकर दीया, टॉर्च, मोमबत्ती जलाने की अपील से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसको लेकर इलाके के कई परिवारों को टीएमसी के लोगों ने धमकी दी थी। तृणमूल से जुड़े कवि प्रसून भौमिक ने एक फेसबुक पोस्ट में दावा भी किया था कि 5 अप्रैल को रात 9 बजे ऐसे लोगों के घरों के दरवाजे पर निशान लगा कर चिह्नित किया जाएगा, जहाँ लाइट्स ऑफ होंगे। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों के दरवाजे पर चॉक से निशान बनाया जाएगा।

मंगलवार की सुबह स्थानीय लोगों ने चंद्र हलदर का शव पेड़ से लटकते देखा। पड़ोसी उनके घर में गए तो शकुंतला बिस्तर पर मृत पड़ी थी। इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। दोनों का शव मंगलवार को दिनभर थाने में पड़ा रहा। टीएमसी के गुंडों के दबाव में पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेज रही थी। बीजेपी नेताओं के इस पर नाराजगी जताने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए।

शकुंतला और उनके पति ईंट भट्ठे पर काम करते थे। बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह TMC के गुंडे मृतक दंपती के घर पहुॅंचे और उनके बच्चों को धमकी दी। खबर लिखे जाने तक इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं किए जाने की सूचना थी।

गौरतलब है कि राजनीतिक हिंसा के लिए बदनाम पश्चिम बंगाल में यह पहली घटना नहीं है जब बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या का आरोप टीएमसी के गुंडों पर लगा है। मार्च में गंगा सागर में बीजेपी के बूथ प्रेसिडेंट देवाशीष मंडल की हत्या कर दी गई थी। फरवरी में सोनारपुर में बीजेपी नेता नारायण विश्वास की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का आरोप भी टीएमसी पर लगा था। गुंडों ने पहले उन्हें गोली मारी और जब वो जख्मी होकर नीचे गिर गए तो धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी।

इसी साल मार्च में अमित शाह के दौरे के दौरान टीएमसी के गुंडों ने भाजपा के कार्यालय में तोड़-फोड़ करने के बाद आग के हवाले कर दिया था। भाजपा ने उस समय आरोप लगाया था कि इस घटना को तृणमूल कॉन्ग्रेस के उपद्रवियों ने अंजाम दिया है, क्योंकि राज्य में भाजपा की संगठनात्मक शक्ति बढ़ रही है और टीएमसी इससे भयभीत है।

शाह की रैली में जाने की वजह से बीजेपी नेता अर्चना विश्वास के घर पर फायरिंग की गई थी। कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में हुई इस रैली से भाजपा कार्यकताओं पर हमले हुए थे। भाजपा ने आरोप लगाया था कि महानगर के हेस्टिंग्स व हुगली जिले में शाह की सभा से लौट रहे कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया। उनका कहना था कि इन घटनाओं में दर्जन भर कार्यकर्ता जख्मी हुए। इससे पहले टीएमसी के गुंडों ने जलपाईगुड़ी जिले में सात भाजपा समर्थकों के घरों में तोड़-फोड़ के बाद आग लगा दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया