अतिसंवेदनशील कोचीन शिपयार्ड में नौकरी कर रहा था अफगान, असम से बनवाया था अवैध कागजात, खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हुए

कोचीन शिपयार्ड (साभार: न्यू इंडियन एक्सप्रेस)

केरल के कोच्चि में अति सुरक्षित क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मजदूर की नौकरी करने वाले अफगानिस्तान के एक नागरिक की गिरफ्तारी के बाद जाँच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों की पूछता में पता चला है कि अफगानिस्तान के नागरिक अब्बास खान उर्फ इदगुल ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक दिखाया और कोचीन शिपयार्ड में ठेका मजदूर के रूप में नौकरी हासिल की।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जाँच में एजेंसियों को पता चला कि अब्बास ने सबसे पहले फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनवाई थी। इसके लिए उसने असम के एक व्यक्ति को 20,000 रुपये दिए थे। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर उसने आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवाया था। इन कागजात के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक दिखाकर हाई सिक्योरिटी जोन में काम कर रहा था।

अब्बास ने इसके लिए अपने एक रिश्तेदार से संपर्क किया था। उसके रिश्तेदार ने असम के रहने वाले 32 वर्षीय अबू बकर सिद्दीकी से संपर्क किया था। अबू बकर ने उसके लिए इस सर्टिफिकेट का प्रबंध किया था। बाद में एजेंसियों ने अबू बकर कर गिरफ्तार कर लिया और उसे इस मामले में पाँचवें आरोपी के रूप में पेश किया गया। इस मामले में अबू बकर को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, 20 नवंबर को उसे सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई।

इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया, “अब्बास ने आधार और पैन कार्ड बनवाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया और अपने चाचाओं की मदद से थेवारा में रहने लगा। जुलाई 2019 में उसे एक ठेकेदार के जरिए कोचीन शिपयार्ड में नौकरी हासिल कर ली।”

दरअसल, अब्बास मेडिकल वीजा पर अफगानिस्तान से भारत पहुँचा था। उसकी माँ असम की रहने वाली और उसने एक अफगानी व्यक्ति से निकाह करने के बाद अफगानिस्तान चली गई थी। अब्बास वहाँ पिछले 20 से अधिक वर्षों से रह रहा था। लेकिन साल 2019 में वह भारत आ गया और खुद को भारतीय नागरिक बताकर यहीं काम करने लगा।

हालाँकि, एजेंसियों को इस मामले अब्बास के किसी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। अबूबकर द्वारा अब्बास को भारत में रहने की व्यवस्था करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों उसके गतिविधियों की लेकर जाँच कर रही थी। वहीं, खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जाँच जारी है। अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेश और म्यांमार के अवैध प्रवासियों को यह गिरोह फर्जी कागजात के आधार पर पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज दिलाने का काम करता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया