Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाअतिसंवेदनशील कोचीन शिपयार्ड में नौकरी कर रहा था अफगान, असम से बनवाया था अवैध...

अतिसंवेदनशील कोचीन शिपयार्ड में नौकरी कर रहा था अफगान, असम से बनवाया था अवैध कागजात, खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हुए

अब्बास मेडिकल वीजा पर अफगानिस्तान से भारत पहुँचा था। उसकी माँ असम की रहने वाली और उसने एक अफगानी व्यक्ति से निकाह करने के बाद अफगानिस्तान चली गई थी। अब्बास वहाँ पिछले 20 से अधिक वर्षों से रह रहा था। लेकिन साल 2019 में वह भारत आ गया और खुद को भारतीय नागरिक बताकर यहीं काम करने लगा।

केरल के कोच्चि में अति सुरक्षित क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मजदूर की नौकरी करने वाले अफगानिस्तान के एक नागरिक की गिरफ्तारी के बाद जाँच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों की पूछता में पता चला है कि अफगानिस्तान के नागरिक अब्बास खान उर्फ इदगुल ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक दिखाया और कोचीन शिपयार्ड में ठेका मजदूर के रूप में नौकरी हासिल की।

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जाँच में एजेंसियों को पता चला कि अब्बास ने सबसे पहले फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट बनवाई थी। इसके लिए उसने असम के एक व्यक्ति को 20,000 रुपये दिए थे। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर उसने आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवाया था। इन कागजात के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक दिखाकर हाई सिक्योरिटी जोन में काम कर रहा था।

अब्बास ने इसके लिए अपने एक रिश्तेदार से संपर्क किया था। उसके रिश्तेदार ने असम के रहने वाले 32 वर्षीय अबू बकर सिद्दीकी से संपर्क किया था। अबू बकर ने उसके लिए इस सर्टिफिकेट का प्रबंध किया था। बाद में एजेंसियों ने अबू बकर कर गिरफ्तार कर लिया और उसे इस मामले में पाँचवें आरोपी के रूप में पेश किया गया। इस मामले में अबू बकर को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, 20 नवंबर को उसे सत्र न्यायालय से जमानत मिल गई।

इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया, “अब्बास ने आधार और पैन कार्ड बनवाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया और अपने चाचाओं की मदद से थेवारा में रहने लगा। जुलाई 2019 में उसे एक ठेकेदार के जरिए कोचीन शिपयार्ड में नौकरी हासिल कर ली।”

दरअसल, अब्बास मेडिकल वीजा पर अफगानिस्तान से भारत पहुँचा था। उसकी माँ असम की रहने वाली और उसने एक अफगानी व्यक्ति से निकाह करने के बाद अफगानिस्तान चली गई थी। अब्बास वहाँ पिछले 20 से अधिक वर्षों से रह रहा था। लेकिन साल 2019 में वह भारत आ गया और खुद को भारतीय नागरिक बताकर यहीं काम करने लगा।

हालाँकि, एजेंसियों को इस मामले अब्बास के किसी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। अबूबकर द्वारा अब्बास को भारत में रहने की व्यवस्था करने के बाद सुरक्षा एजेंसियों उसके गतिविधियों की लेकर जाँच कर रही थी। वहीं, खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जाँच जारी है। अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेश और म्यांमार के अवैध प्रवासियों को यह गिरोह फर्जी कागजात के आधार पर पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज दिलाने का काम करता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -