उत्तर प्रदेश के बाँदा में जिस जगह पर भगवान राम ने भगवान शंकर को जलाभिषेक की थी, वहाँ अवैध रूप से एक मस्जिद बना दी गई है। इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया है और उस अवैध मस्जिद को गिराने की माँग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। बाम्बेश्वर पर्वत पर स्थित उस शिवलिंग को बमदेव भोलेनाथ की मंदिर के नाम से जाना जाता है।
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का आरोप है कि कोरोना काल के जब हर तरफ लॉकडाउन था, उस दौरान इस पर्वत पर मुस्लिमों ने चुपके से एवं अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण कर लिया था। VHP के मंडल अध्यक्ष अशोक ने कहा कि वहाँ पर आधा दर्जन मजारें भी बना ली गई हैं। पहाड़ पर रोज फतिहा और हर शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ी जाती है।
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस जगह पर कोई मुस्लिम बस्ती नहीं थी, लेकिन अब काफी तादाद में यहाँ मुस्लिम हने लगे हैं। इससे सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में मस्जिद और अवैध ढाँचों को गिराने के लिए विश्व हिंदू परिषद के अधिकारियों ने जिला कलेक्टर और पुलिस कप्तान के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि इस्लाम धर्म के लोग भारत का इस्लामीकरण करा रहे हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर सरकार ने इसे नहीं हटाया तो वे इस मस्जिद को गिरा देंगे। हिंदू संगठनों की माँग है कि अवैध मस्जिद एवं मकबरे का बनाने वालों को तत्काल जेल में डाला जाना चाहिए और अवैध ढाँचों एवं उसे बनाने वालों के मकानों पर बुलडोज़र चलना चाहिए।
विश्व हिंदू परिषद के चंद्रमोहन बेदी ने कहा कि यह पर्वत बहुत पुराना है। यहाँ पर पीछे की तरफ कुछ लोगों ने अवैध रूप से मजार बनाई और फिर उसे धीरे-धीरे मस्जिद में बदल दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को अंधविश्वास में डाल दिया और जगह हथिया ली। उन्होंने पूछा कि जब सतह पर पत्थर ही पत्थर हैं तो मजार कैसे बन सकती है। मजार बनाने के लिए खुदाई होती है, लेकिन पत्थर पर खुदाई कैसे होगी।
VHP के महामंत्री दीपू दीक्षित ने बताया कि शुरू में मुस्लिमों ने पर्वत के एक पत्थर को हरे रंग से पोता फिर धीरे-धीरे इस पर मजार बनाई। फिर इस पर एक बड़ी मस्जिद बना दी। इसके बाद काफी लोग यहाँ टोपी लगाकर आना शुरू हो गए। दीपू ने कहा कि यह एक कैंसर का रूप है। इसे तत्काल जड़ से काटकर फेंक देना चाहिए, वरना यह पूरे शरीर को खराब कर देगा।
बाम्बेश्वर पर्वत पर बने प्राचीन मन्दिर के पुजारी पुत्तन महाराज ने और मंदिर कमिटी के अध्यक्ष ने भी मस्जिद का विरोध किया है। उनका कहना है यह यह स्थिति अयोध्या और काशी मथुरा जैसी बन सकती है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान यहाँ के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था। इस दौरान भगवान शंकर ने उन्हें दर्शन दिया था।