पाकिस्तान में ऐतिहासिक गुरू नानक महल के कुछ हिस्सों को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़ दिया। ख़बर के अनुसार, नानक महल में बेशक़ीमती खिड़कियाँ और दरवाज़े लगे हुए थे, उन्हें भी तोड़कर कर बेच दिया गया। यह महल चार मंज़िला बिल्डिंग है और इसकी दीवार पर सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक के अलावा हिन्दू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें बनी थीं। बाबा गुरू नानक महल 400 साल पहले बनवाया गया था। इस जगह पर लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं, इनमें भारत और विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या भी शामिल है।
लाहौर से क़रीब 100 किलोमीटर की दूरी पर नारौवल शहर में स्थित गुरू नानक महल में कुल 16 कमरे हैं और हर कमरे में तीन-तीन दरवाज़े लगे हुए हैं। इसके अलावा हर कमरे में कम से कम 4 रोशनदान भी लगे हुए थे। ख़बर के अनुसार, एक रिपोर्ट में बताया गया कि औकाफ़ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने गुरू नानक महल को आंशिक रूप से क्षति पहुँचाई।
महल के नज़दीक एक गाँव में रहने वाले मोहम्मद असलम ने बताया, “इस पुरानी इमारत को बाबा गुरू नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलान नाम दिया है। भारत समेत दुनियाभर से सिख यहाँ आया करते थे।” उन्होंने बताया, “कुछ साल पहले यहाँ कनाडा से एक शिष्टमंडल आया जिसमें एक महिला भी थी, वो सब यहाँ आकर काफ़ी ख़ुश हुए थे।”
एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ़ ने बताया, “औकाफ़ विभाग को इस बारे में बताया गया है कि कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़-फोड़ कर रहे हैं, लेकिन किसी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहाँ पहुँचा।” अशफ़ाक ने कहा, “प्रभावशाली लोगों ने औकाफ़ विभाग की मौन सहमति से इमारत को ध्वस्त कर दिया और उसकी क़ीमती खिड़कियाँ, दरवाज़े, रोशनदान और लकड़ी बेच दी।”
डॉन अख़बार के अनुसार, इस महल पर मालिकाना हक़ किसका है और इसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी किसकी है, इस बारे में कुछ नहीं पता। नारौवल के उपायुक्त वहीद असगर ने बताया, “राजस्व रेकॉर्ड में इस इमारत का कोई ज़िक्र नहीं है। यह इमारत ऐतिहासिक प्रतीत होती है और हम नगरपालिका समिति के रेकॉर्ड की जाँच कर रहे हैं।” ईटीबी सियालकोट क्षेत्र के रेंट कलेक्टर राणा वहीद के मुताबिक़ उनकी टीम इस संबंध में जाँच कर रही है। उन्होंने इस बात की जानकारी भी दी कि गुरू नानक महल में तोड़-फोड़ करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।