भारत में लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान और चुनावी रैलियों के व्यस्त शेड्यूल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान दौरे पर पहुँचे हैं। हिमालयी देश की राजधानी थिम्पू पहुँचने पर उनका स्वागत ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ किया गया। भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें अपना ‘बड़ा भाई’ बताया है। पीएम मोदी का ये दौरा 2 दिवसीय होगा। भारत ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति के तहत पड़ोसी मुल्कों से अपने संबंध सुधार रहा है।
पारो एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के लिए रेड कार्पेट भी बिछाया गया था। पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लेकर थिम्पू तक 45 किलोमीटर के रूट में सड़क के चारों तरफ भूटान के नागरिक पीएम मोदी का अभिवादन करने के लिए जुटे रहे। भारत और भूटान के राष्ट्रीय ध्वज रास्ते में लहराते रहे। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और वहाँ के चौथे राजा रहे जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से उनकी उच्च-स्तरीय बैठक होनी है। सिंग्ये 1972 से लेकर 2006 तक लगातार 34 वर्षों तक देश के राजा रहे थे।
Thank you for the warm welcome to Bhutan, PM @tsheringtobgay. May India-Bhutan friendship keep scaling new heights. https://t.co/0mulIMJht2 pic.twitter.com/JLtHWUqPSi
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान में ‘ग्यालत्सेन जेत्सुन पेमा मदर एन्ड चाइल्ड हॉस्पिटल’ का उद्घाटन करेंगे। ग्यालत्सेन भूटान में रानी को कहा जाता है और जेत्सुन पेमा वहाँ की मौजूदा रानी हैं। वो दुनिया की सबसे कम उम्र की क्वीन भी हैं। उनकी उम्र मात्र 33 वर्ष है। इस अस्पताल को भारत सरकार की सहायता से बनाया गया है। इस दौरे में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर एक-दूसरे से विचार साझा किए जाएँगे और साथ ही दोनों देशों की जनता की भलाई के लिए भी काम किया जाएगा।
#WATCH | PM Modi shares adorable moment with children on his arrival in Bhutan's Thimphu pic.twitter.com/lm6IFtXwK3
— ANI (@ANI) March 22, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान भूटान के बच्चों से भी मिले, जिन्होंने हाथों में भारत और भूटान के झंडे ले रखे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी के आगे-आगे बच्चे चल रहे हैं और उन्होंने उनके कन्धों पर हाथ भी रखा हुआ है। इस दौरान दोनों तरफ भूटान के लोग पारंपरिक अंदाज़ में उनका स्वागत कर रहे हैं और गीत गए जा रहे हैं। पीएम मोदी का ये दौरा साम्राज्यवादी चीन को भी खटक सकता है। भूटान को चीन अपने प्रभाव में लेना चाहता है।