भारत इसी महीने कनाडा को कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ की पाँच लाख खुराक भेजेगा। भारत सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद ये मंजूरी दी गई है।
भारत की ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन की माँग दुनिया भर के देश कर रहे हैं। भारत मानवता का परिचय देकर कई देशों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करवा चुका है। अब भारत की Vaccine Diplomacy का असर काफी दूर तक नजर आने लगा है। पाकिस्तान की नजर भी ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वैक्सीन पर बनी हुई है। इन सबके बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने भी कोविशील्ड की जरूरत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से फोन कर बात की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कनाडाई समकक्ष को कोविड-19 टीकों की आपूर्ति में मदद करने की पूरी कोशिश करने का भरोसा दिया था। ट्रूडो ने एक सवाल के जवाब में कहा वो सीरम इंस्टीट्यूट से भारत में आने वाले संभावित अतिरिक्त टीकों को लेकर आशान्वित हैं। इस पर बारीकी से काम किया जा रहा है।
Was happy to receive a call from my friend @JustinTrudeau. Assured him that India would do its best to facilitate supplies of COVID vaccines sought by Canada. We also agreed to continue collaborating on other important issues like Climate Change and the global economic recovery.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2021
कोरोना वैक्सीन की खुराकों की कमी से जूझ रहे कनाडा ने 5 फरवरी को भारत से 10 लाख खुराकों की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था। हालाँकि जब भारत ने फरवरी में जिन देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की जानी है, उनकी सूची जारी की तो इस सूची में कनाडा का नाम नहीं था। इस सूची में 25 देशों का नाम था जिन्हें 2.4 करोड़ खुराक भेजी जानी थीं। इस सूची के जारी होने के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 10 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था और उनसे कनाडा को वैक्सीन की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था।
कोविड-19 टीकों की कमी से जूझ रहे कनाडा का रुख अब किसान आंदोलन पर भी बदल गया है। हाल ही में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत के किसान आंदोलन में दखलअंदाजी की वजह से निशाने पर आए थे। मगर अब उन्होंने भारत की तारीफ की है। पीएम मोदी की तारीफ करते हुए ट्रूडो ने कहा कि अगर विश्वभर के देश कोरोना से जंग जीत जाते हैं तो इसमें भारत की मेडिकल क्षमता और पीएम मोदी के नेतृत्व की अहम भूमिका होगी।
भारत के लिए इसे एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, बीते साल नवंबर में गुरु नानक जयंती के मौके पर जस्टिन ट्रूडो ने भारत में चल रहे आंदोलन को लेकर टिप्पणी की थी। जिस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताते हुए दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को ‘गंभीर नुकसान’ पहुँचने की बात कही थी।
कनाडा के पीएम ट्रूडो पर खालिस्तानियों के प्रति नरम रुख अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि कनाडा के पीएम ने किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार के बातचीत से रास्ता निकालने के प्रयासों की सराहना की है। ट्रूडो सरकार कनाडा में मौजूद राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।