‘पैगंबर मुहम्मद के नाम पर निर्दोष महिलाओं पर इस्लाम लागू कर रहा है तालिबान’: वीडियो शेयर करने पर डच सांसद को मिली सिर धड़ से अलग करने की धमकी

डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स को मिली जान से मारने की धमकी (फोटो साभार: गीर्ट का ट्विटर )

डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स (Geert Wilders) हमेशा से कट्टरवाद, आतंकवाद और जिहादियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहे हैं। वाइल्डर्स वही डच सांसद हैं, जिन्होंने धमकियों के बावजूद बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था।

उन्होंने मंगलवार (22 नवंबर 2022) को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें तालिबान एक महिला पर सार्वजनिक रूप से कोड़े बरसा रहा है। इस कृत्य का उन्होंने विरोध करते उन्होंने इस्लाम की आलोचना की। इसके बाद एक कट्टरपंथी ने एक वीडियो शेयर करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस पर गीर्ट ने लिखा, “ये लोग बहुत ही खतरनाक Nutcases (पागल) हैं।”

गीर्ट को धमकी देने वाले कट्टरपंथी का नाम सैयदा सादिया रिजविया है। उसके ट्विटर बॉयो के मुताबिक, वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। सैयदा ने लिखा गया है, “सूअर की औलाद, हराम का जना, अब तुम्हारे पास बचने का कोई रास्ता नहीं है। तुम्हारा सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। तुम हमारे प्यारे पैगंबर मुहम्मद के बारे में अनाप-शनाप बकते हो। तुम जल्द ही जहन्नुम में भेजे जाओगे। मुहम्मद का एक नौकर और अरबी शेर तुम्हें खाक में मिला देंगे।”

दरअसल, डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने मंगलवार (22 नवंबर 2022) को कट्टर इस्लामवादियों का एक वीडियो शेयर किया था। यह वीडियो उन्होंने अफगानिस्तान का बताया था, जिसमें ​एक कट्टरपंथी बुर्का पहनी मुस्लिम महिला को कोड़े मारता हुआ दिखाई दे रहा है।

एक मुस्लिम कट्टरपंथी ने उस महिला के दोनों हाथ पकड़ रखे हैं। एक उसे बेल्ट से पीट रहा है और कई कट्टरपंथी महिला को पिटते हुए देख रहे हैं। सांसद का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने इस वीडियो की निंदा की थी। गीर्ट ने कैप्शन में लिखा था, “बर्बर तालिबान अपने पैगंबर मुहम्मद के नाम पर निर्दोष महिलाओं पर बर्बर इस्लाम लागू कर रहा है।” यह देखने के बाद कई कट्टरपंथी उनके खिलाफ हो गए और उन्हें सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने लगे।

बता दें कि इस साल जून में डच सांसद ने मुस्लिम देशों की निंदा करते हुए कहा था, ”इस्लाम असहिष्णु है और इसकी विचारधारा दुनिया के लिए खतरा है। नूपुर शर्मा मामले में भारत को माफी माँगने के लिए कहने वाले मुल्क बेहद क्रूर शरिया शासन का पालन करते हैं और उनका मानवाधिकार का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद खराब है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया