यूनाइटेड किंगडम ने पैगंबर मुहम्मद की बेटी पर बनी फिल्म का विरोध करने वाले इमाम को सलाहकार पद से हटा दिया है। इस फिल्म पर ‘ईशनिंदा (Blasphemy)’ का आरोप लगाते हुए ब्रिटेन में हजारों मुस्लिम सड़क पर हैं। इसी क्रम में इमाम कारी मुहम्मद असीम ने भी सिनेम हॉल्स को ये फिल्म न लगाने को कहा था। लीड्स स्थित मक्का मस्जिद के मुखिया इमाम कारी मुहम्मद असीम को इस्लामोफोबिया पर सरकार ने सलाहकार बनाया हुआ था।
साथ ही वो ‘एंटी मुस्लिम हेट्रेड वर्किंग ग्रुप (मुस्लिम विरोधी घृणा कार्यकारी समूह)’ का अध्यक्ष भी था। इस पद से भी उसे मुक्त कर दिया गया है। ये सारा विवाद ‘The Lady Of Heaven’ नामक फिल्म को लेकर हो रहा है, जिसमें पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा की कहानी दिखाई गई है। इंग्लैंड के कई शहरों में इस फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ मुस्लिम भीड़ प्रदर्शन करने में लगी हुई है। इमाम ने इस फिल्म को इस्लाम को नीचे दिखाने वाला बताया था।
उसने कहा था कि इससे मुस्लिमों को काफी दर्द पहुँचा है और उनकी भावनाएँ आहत हुई हैं। यूके सरकार ने एक पत्र में कहा है कि उसकी सेवाएँ त्वरित रूप से ख़त्म करने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार ने कहा है कि फिल्म के विरोध में चल रहे अभियान से सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है और इमाम ने इस अभियान को समर्थन देकर फ्री स्पीच के विरुद्ध काम किया है। इसीलिए, सांप्रदायिक अमन-चैन कायम करने के सरकार के प्रयासों में उसका कोई रोल न बताते हुए उसे हटा दिया गया है।
यूके सरकार ने कहा, “कई सिनेमाघरों के बाहर जो दृश्य हैं, उन्हें आपने देखा-सुना होगा। इसमें मजहबी नारों के साथ शिया समुदाय के खिलाफ घृणा फैलाई जा रही है। इसका हमें विरोध करना चाहिए, अगर हमें मुस्लिम विरोधी घृणा से निपटना है तो। आप इस तरह की करतूतों की निंदा करने में विफल रहे हैं।” बता दें कि ‘Cineworld’ थिएटर चेन ने सबसे पहले इस फिल्म की स्क्रीनिंग्स को रद्द किया। कारी इमाम ने कई इमामों के साथ मिल कर सिनेमघरों से बात कर के और प्रदर्शन कर के स्क्रीनिंग्स रद्द कराने की योजना बनाई थी।
The Government of the United Kingdom has fired "Imam" Qari Asim from role as advisor on Anti-Muslim hatred.
— Malik Shlibak (@Shlibaks) June 11, 2022
"You have encouraged a campaign to prevent cinemas from screening the film Lady of Heaven”
Let this be a lesson for you all. #TheLadyOfHeavenhttps://t.co/bSgcirkgYU pic.twitter.com/5yRfK4ewBY
इस फिल्म में ईराक में युद्ध की कहानी दिखाते हुए 1400 साल पहले पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा की कहानी बताई गई है, जिन्हें बुर्के में दिखाया गया है। फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर मलिक शिबाक को सोशल मीडिया पर जान से मार डालने की धमकियाँ मिली हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में बोलने और अभिव्यक्त करने की आज़ादी है, इसीलिए फिल्म को रोकना सही नहीं है। उन्हें काफिर बताया जा रहा है। हालाँकि, उनका कहना है कि वो इन सबसे डरने वाले नहीं हैं।