Saturday, November 2, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकबूतरों के बाद पाक की नई करतूत: रेडियो से जैश, लश्कर और अल बद्र...

कबूतरों के बाद पाक की नई करतूत: रेडियो से जैश, लश्कर और अल बद्र के आतंकियों से साध रहा संपर्क

अपनी घटिया हरकतों और पीठ के पीछे से वार करने की आदतों से मजबूर पाकिस्तान Fm ट्रांसमिशन के अलावा कबूतरों के जरिए भी आतंकियों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रहा चुका हैं। जिसे बीएसएफ 32 बटालियन ने पकड़कर कैद कर लिया था।

हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कुछ कोड वर्ड्स का खुलासा करते हुए बताया है कि पाकिस्तान और वहाँ के आतंकी संगठन, जम्मू और कश्मीर के आंतकवादियों से संपर्क साधने के लिए इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि क्षेत्र में हिंसा फैलाई जा सके।

एजेंसी ने खुलासा करते हुए बताया था कि कोड वर्ड्स POK के नियंत्रण रेखा के पास लगाए गए FM ट्रांसमिशन के जरिए भेजे जाते हैं। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के लिए (66/88) Mhz, लश्कर-ए-तैयबा के लिए (ए3) और अल बद्र के लिए (डी 9) बैंड्स रखे गए हैं।

इतना ही नहीं, ये भी मालूम चला है कि 5 अगस्त को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के लगभग एक हफ्ते बाद ये संवाद पाकिस्तान के राष्ट्रगान ‘कौमी तराना’ के माध्यम से स्थापित किया गया था। जिसके बाद ही इस क्षेत्र में लैंडलाइन, मोबाइल फोन और इंटरनेट नेटवर्क को बंद कर दिया गया था। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये कौमी तराने के कई संस्करणों का इस्तेमाल इस कार्य के लिए बहुत तेजी से किया जा रहा है, इसके जरिए पाक सेना और आतंकवादी समूह एफएम ट्रांसमिशन स्टेशनों के माध्यम से अपने संदेश जम्मू-कश्मीर में अपने छिपे आतंकियों को भेजते हैं।

इसके अलावा खूफिया जानकारी में ये भी बताया गया है कि कौमी तराना बजाने के लिए उच्च आवृति वाले रेडियो स्टेशनों का प्रयोग होता है। इसी के जरिए भारत में नियंत्रण रेखा के नजदीक से सिग्नल भेजे जाते थे और इसी का इस्तेमाल करके स्थानीय आतंकियों से संवाद स्थापित किया जाता था।

इसके बाद ये संदेश इस्तेमाल करके (सूत्रों के अनुसार) स्थानीय आतंकी हिंसा करने व आसपास के गाँव वालों को गुमराह करने के लिए उपयोग करते थे।

यहाँ जानकारी के लिए बता दें कि 28 अगस्त को मिली खुफिया रिपोर्ट के अनुसार कि पाकिस्तानी सेना एफएम रेडियो स्टेशन को नियंत्रण रेखा (LoC) के पास शिफ्ट कर रही है। क्योंकि, पाकिस्तान के 10 कोर कमांडर ने सिंगनल कोर को यह काम दिया है। माना जा रहा है इसका उद्देश्य भारत में आतंकियों को भेजना हैं।

गौरतलब है कि अपनी घटिया हरकतों और पीठ के पीछे से वार करने की आदतों से मजबूर पाकिस्तान Fm ट्रांसमिशन के अलावा कबूतरों के जरिए भी आतंकियों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर रहा चुका हैं। जिसे बीएसएफ 32 बटालियन ने पकड़कर कैद कर लिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -